अयोध्या में 2023 तक राम मंदिर बनाने का लक्ष्य, पीएम के हामी भरते ही होगा भूमिपूजन!

भूमिपूजन की तारीख का आखिरी फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय ही लेगा. वहीं, मंदिर के साल 2023 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है.

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3 या 5 अगस्त को होगा भूमिपूजन ( फाइल फोटो) 3 या 5 अगस्त को होगा भूमिपूजन ( फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 11:53 PM IST

  • 3 या 5 अगस्त को शुरू हो सकता है मंदिर का निर्माण कार्य
  • 2023 तक मंदिर के बनकर तैयार होने की उम्मीद: चंपत राय

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. शनिवार को रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक हुई, जिसमें भूमिपूजन की तारीख पर चर्चा हुई. ट्रस्ट की ओर से भूमिपूजन की तारीख का दो विकल्प रखा गया है. पहला 3 अगस्त और दूसरा 5 अगस्त. प्रधानमंत्री कार्यालय को ये दोनों तारीखें भेजी गई हैं. भूमिपूजन की तारीख का आखिरी फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय ही लेगा. वहीं, मंदिर के साल 2023 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है.

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बैठक के बाद रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि स्थिति सामान्य हो जाने के बाद फंड एकत्र किया जाएगा. हमें लगता है कि 3 से 3.5 वर्षों के अंदर मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा. वहीं, मंदिर के नक्शे में भी बदलाव किया जाएगा. मंदिर में 3 की जगह अब 5 गुम्बद होंगे. मंदिर की ऊंचाई भी प्रस्तावित नक्शे से अब ज्यादा होगी.

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बैठक में और क्या तय हुआ

इस बैठक में ये भी तय हुआ कि चरणबद्ध तरीके से मंदिर निर्माण किया जाए. इसके लिए मंदिर भवन निर्माण समिति के विस्तृत प्लान को मंजूरी दे दी गई. प्रस्तावित खाका के मुताबिक साढ़े तीन साल में मंदिर बन जाएगा. यानी अगले आम चुनाव से पहले संभव है कि मंदिर का उद्घाटन मुहूर्त हो जाए.

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रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी जी के मुताबिक, मंदिर मूल प्रस्तावित तीन गुंबदों की बजाय पांच गुंबदों से सुसज्जित होगा. मंदिर का रकबा और ऊंचाई भी मूल नक्शे से ज्यादा होगी. यानी अब शिखर और ध्वजा तक मंदिर 161 फुट ऊंचा होगा.

क्या पीएम मोदी अयोध्या पहुंचेंगे

सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या इस ऐतिहासिक मौके पर प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या पहुंचेंगे. राम जन्मभूमि ट्रस्ट के गठन के बाद से ही साधु संत लगातार पीएम मोदी से शिलान्यास करने की अपील करते रहे हैं. पीएम मोदी को ये शुभकार्य सावन के महीने में करने को लेकर संतों की तरफ से चिट्ठी भी लिखी जा चुकी है, लेकिन पीएम इस बारे में क्या सोच रहे हैं, ये उन्होंने अभी तक जाहिर नहीं किया है.

ये भी सच है कि अगर पीएम मोदी शिलान्यास के मौके पर अयोध्या पहुंचते हैं, तो वो रामलला के दरवाजे तक पहुंचने वाले पहले प्रधानमंत्री होंगे. विवाद और कानूनी प्रक्रिया के दौर में तिरपाल के नीचे विराजे रामलला के दर्शन के लिए कोई प्रधानमंत्री नहीं पहुंचा. ऐसे में बीजेपी समर्थकों और राम में आस्था रखने वाले करोड़ों लोगों को पीएम मोदी से बड़ी उम्मीदें हैं.

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साधु-संतों को है पीएम का इंतजार

अयोध्या के साधु संत प्रधानमंत्री मोदी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि अयोध्या बेसब्री से प्रधानमंत्री मोदी का इंतजार कर रही है. पीएम के आने से राम मंदिर निर्माण में तेजी आएगी. अयोध्या वासियों की इच्छा भी पूरी होगी. पीएम को अयोध्या आने का कार्यक्रम बना लेना चाहिए.

विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि चाहे परिस्थितियों को देखते हुए थोड़ी देर भी हो जाए लेकिन साधु संत हो या देश भर के लोग सभी की इच्छा है कि पीएम अयोध्या आकर अपने हाथों से भूमि पूजन करें.

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