
यूपी में विधानसभा चुनाव की आहट के बीच राम मंदिर निर्माण को लेकर एक बार फिर सियासी पारा चढ़ने के आसार हैं. अखिल भारतीय संत सम्मेलन और धर्म संसद में अयोध्या में मंदिर बनाने की तिथि को लेकर फैसला किया गया है. निर्णय हुआ है कि इसी साल कार्तिक अक्षय नवमी (नौ नवंबर) से मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.
धर्म संसद का यह निर्णय ऐसे समय सामने आया है, जब राज्यसभा में बीते दिनों बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी राम मंदिर का मुद्दा उठाया था. उन्होंने सदन में कहा कि मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र सरकार को अपनी राय साफ करनी चाहिए.
सिंह द्वार के निर्माण से होगी शुरुआत
बहरहाल, सिंहस्थ परिसर में अयोजित धर्म संसद में जो निर्णय किया गया है उसके मुताबिक, मंदिर निर्माण की शुरुआत रामलला परिसर में सिंह द्वार निर्माण से होगी. संतों ने कहा कि राम मंदिर निर्माण से मोदी सरकार का कोई लेना-देना नहीं है. मंदिर जनता के सहयोग से बनेगा. धर्म संसद में संत आत्मानंद, शाश्वतानंद, नरेंद्रानंद, सुदर्शन महाराज, श्रीमहंत अवध किशोर दास, चंद्रदेव दास सहित बड़ी संख्या में संत और भक्त मौजूद थे.
इस बीच श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास अयोध्या के अध्यक्ष महंत जन्मेजय शरण महाराज ने बताया कि राम जन्मभूमि जिसे विवादित कहा जाता है, वह 77 एकड़ जमीन निर्मोही अखाड़ा की है. मंदिर निर्माण और जमीन को लेकर अखाड़ा लड़ाई लड़ता रहा है. उन्होंने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए निर्माण की बात कही.