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आज रात से जारी हो जाएगी ट्रस्ट की अधिसूचना, कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं होगा शामिल

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में कोई भी राजनीतिक व्यक्ति नहीं होगा. सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है. वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे और एक सदस्य हमेशा दलित समाज से होगा.

पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 05 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 2:28 PM IST

  • राम मंदिर ट्रस्ट में राजनीतिक व्यक्ति नहीं
  • ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे, एक सदस्य दलित होगा

राम मंदिर ट्रस्ट का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दिया है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र नाम से बनाए गए इस ट्रस्ट का नोटिफकेशन आज रात तक आ जाएगा, जिसमें सभी सदस्यों का नाम होगा. सूत्रों के मुताबिक, इस ट्रस्ट में कोई भी राजनीतिक व्यक्ति नहीं होगा.

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इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे, जिसका एक सदस्य आजीवन दलित होगा.

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में इस बाबत घोषणा की. सरकार ने अयोध्या कानून के तहत अधिग्रहीत 67.70 एकड़ भूमि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को हस्तांतरित करने का फैसला किया है.

गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट में 15 न्यासी होंगे जिनमें से एक दलित समाज से होगा.

अमित शाह से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा को जानकारी दी कि कैबिनेट ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित करने का प्रस्ताव पास किया है.

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उन्होंने बताया कि यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण और उससे जुड़े विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर को राम मंदिर मसले पर ऐतिहासिक फैसले के दौरान सरकार को ट्रस्ट गठित करने का निर्देश दिया था.

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