
400 साल से भी अधिक इंतजार के बाद अयोध्या नगरी राममय होने जा रही है. 5 अगस्त को पूरे विधि-विधान के साथ अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर का भूमिपूजन होगा. इस आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आएंगे. पूरे शहर को नया रंग रूप देते हुए सजाया जा रहा है. जगह-जगह प्रभु राम से जुड़ी कलाकृतियां और पेंटिंग बनाई जा रही है. अयोध्या नगरी में राम मंदिर के अलावा भी कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जिनकी बहुत महत्ता है. यहां आने वाले श्रद्धालु इस प्राचीन शहर में और भी जगहों पर जाते हैं जो आस्था का केंद्र हैं. अयोध्या की ऐसी ही 10 जगहों के बारे में जानिए.
हनुमानगढ़ी: राम मंदिर के बाद इस शहर में सबसे ज्यादा आस्था का केंद्र हनुमानगढ़ी है. अयोध्या आने वाला हर श्रद्धालु राम मंदिर के बाद हनुमानगढ़ी जरूर जाता है. शहर के बीचोबीच हनुमान जी के इस विशाल मंदिर की मान्यता है कि अयोध्या में सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में बजरंगबली के दर्शन करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए, उसके बाद ही दूसरे मंदिर जाना चाहिए.
सरयू तट: पूरी अयोध्या नगरी सरयू तट पर बसी है. इस नदी के तट का अभी कायाकल्प किया गया है. यहां हर पर्व पर हजारों श्रद्धालु स्नान करते हैं. सरयू के किनारे बने घाटों को राम की पैड़ी भी कहते हैं.
राजा मंदिर: अयोध्या नगरी में सरयू तट पर कई मंदिर हैं जो अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं. इन्हीं में से एक है राजा मंदिर. इस मंदिर की बनावट आपको अलग ही अनुभूति कराएगी. नदी किनारे होने के चलते यहां का माहौल अद्भुत रहता है.
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दन्तधावन कुंड: अयोध्या नगरी के बीचोबीच हनुमानगढ़ी में ही एक बड़ा-सा कुंड है, जो दन्तधावन कुंड नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि श्रीराम इसी कुंड के जल से सुबह अपने दांतों की सफाई करते थे.कनक भवन: अयोध्या के उत्तरपूर्व में बना यह विशाल मंदिर अपनी अनोखी कलाकृति के लिए प्रसिद्ध है. मान्यता है कि माता सीता को विवाह के बाद उपहार में यह भवन दिया गया था.
राजा दशरथ का महल: शहर के बीच में मौजूद राजा दशरथ का महल भी बहुत प्राचीन और भव्य है. प्रभु राम ने अपना बचपन इसी क्षेत्र में बिताया था. इस महल के परिसर में काफी संख्या में जमा होकर श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते रहते हैं.
दिगंबर जैन मंदिर: अयोध्या जैन मतावलंबियों के लिए भी पवित्र तीर्थ है. कहा जाता है कि जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव (आदिनाथ) का जन्म भी अयोध्यानगरी में ही हुआ था.
ऋषभदेव की भव्य प्रतिमा: दिगंबर जैन मंदिर में स्वामी ऋषभदेव की भव्य प्रतिमा मौजूद है. रायगंज में मौजूद 31 फीट ऊंची मूर्ति श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है.
श्रीराम मंदिर कार्यशाला: अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए यहां एक कार्यशाला बनाई गई है. यहां विशाल पत्थरों को बेहद खूबसूरती के साथ तराशा गया है, जिस पर सुंदर नक्काशी की गई है. अयोध्या आने वाले लोग भव्य मंदिर कैसा बनेगा, इस उत्सुकता में यहां भी जरूर आते हैं.
सीता की रसोई: सीता की रसोई भी अयोध्या आने वालों के लिए आस्था का विषय रहता है. माना जाता है ये जगह माता सीता की रसोई हुआ करती थी, जो बाद में मंदिर में बदल गया. इस मंदिर के एक कोने में रसोई घर का मॉडल भी है, जहां पुराने बर्तन रखे हुए हैं.