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अयोध्या राम जन्मभूमि को लेकर आए फैसले के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड शुक्रवार दोपहर बाद सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगा. पर्सनल लॉ बोर्ड अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब, मो. उमर, मौलाना महफूजुर्रहमान, बादशाह खान की ओर से पुनर्विचार याचिका दायर करेगा. जबकि, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और इकबाल अंसारी ने फैसला आने के बाद ही कह दिया था कि वो इस मामले में अब कोई कानूनी कदम नहीं उठाएंगे.
अयोध्या मामले के पक्षकार मौलाना महफुजुर्रहमान के नामित खालिक अहमद खान ने बताया कि पुनर्विचार याचिका दायर करने के हलफनामे पर हस्ताक्षर लिए जा चुके हैं. मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब, मो. उमर, मौलाना महफूजुर्रहमान और बादशाह खान जैसे स्थानीय पक्षकारों के रिव्यू पिटीशन पर हस्ताक्षर हैं.
सूत्रों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से वकील राजीव धवन रिव्यू पिटीशन दाखिल करेंगे. जबकि, जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर रिव्यू पिटीशन दायर की थी, जिससे राजीव धवन को हटा दिया था. इसके बाद राजीव धवन ने सोशल मीडिया से लेकर जमियत उलेमा-ए-हिंद को पत्र लिखकर अपने दर्द को बयां किया था.
'पुनर्विचार याचिका हमारा संवैधानिक अधिकार'
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कहना है कि यह न्यायिक प्रक्रिया का ही हिस्सा है और इस दिशा में हम जितनी कोशिश कर सकते हैं, वह करेंगे. मुस्लिम बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने साफ कर दिया है कि पुनर्विचार याचिका हमारा संवैधानिक अधिकार है. पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के लिए नौ दिसंबर तक का समय है, इससे पहले पुनर्विचार याचिका दाखिल हो जाएगी.
बता दें कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस मामले में सीधे तौर पर शामिल नहीं है लेकिन पूरा मामला उसी की निगरानी में चल रहा है. अयोध्या मामले के लिए वरिष्ठ वकील यूसुफ हातिम मुछाला के नेतृत्व में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कानूनी जानकारों की एक लीगल सेल बना रखी है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के लीगल सेल के द्वारा बनाई गई रणनीति के तहत मुस्लिम पक्षकार कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.