
अयोध्या विवाद पर जैसे-जैसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो रही है. वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं साथ ही योगी सरकार से लेकर पूरा प्रशासनिक अमला हाई अलर्ट पर आ चुका है. इस कड़ी सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की.
मुख्यमंत्री ने लखनऊ में आला अधिकारियों के साथ भी एक बैठक की है जिसमें डीजीपी, मुख्य सचिव से लेकर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल रहे. अयोध्या पर फैसले के मद्देनजर लखनऊ महोत्सव की तारीख जनवरी के तीसरे सप्ताह तक के लिए बढ़ा दी गई है.
6 हजार लोगों को रेड कार्ड
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बरेली ज़ोन में 6 हजार से ज्यादा ऐसे लोगों को चिन्हित किया है जो फैसले के बाद उपद्रव कर सकते हैं. ऐसे शरारती तत्वों को रेड कार्ड जारी किया गया है, यानी उन पर पुलिस की सख्त नजर रहेगी. इसके अलावा कई अस्थाई जेलें भी बनाई जा रही हैं. बरेली जोन के शहर शाहजहापुर, बदायूं, पीलीभीत, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा और बिजनौर में 4 हजार से अधिक ऐसे लोग चिन्हित किए गए हैं, ये वो लोग हैं जो बवाल करवा सकते हैं. इसके अलावा 90 ऐसे स्थान चिन्हित किये गए है जो संवेदनशील हैं.
एडीजी अविनाश चंद्र ने बताया कि जोन में सभी जगह शांति बनी रहे उसके लिए संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे है और ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की जा रही है. सभी थानों में पीस कमेटी और पुलिस मित्रों की मीटिंग की जा रही है. इसके अलावा हर थाना क्षेत्र में फ्लैग मार्च भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा की सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है. फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर पर भी नजर रखी जा रही है. उनका कहना है कि अगर किसी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर अफवाह फैलाई, कोई विवादित टिप्पणी की तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा.
बम निरोधक दस्ते तैनात
अयोध्या में 30 बम निरोधक दस्तों की तैनाती की गई है क्योंकि यह फैसले के वक्त देश का सबसे संवेदनशील इलाका होगा. दस नवंबर तक 150 कंपनियां केंद्र की ओर से और 150 कंपनियां राज्य सरकार की ओर से सुरक्षा के लिए तैनात की जाएंगी.
भारतीय रेलवे भी इस फैसले से पहले सुरक्षा को पुख्ता करने में जुट गया है. इसके लिए रेलवे पुलिस की ओर से 7 पेज की एजवाइजरी जारी की गई है जिसमें RPF के जवानों की छुट्टी रद्द कर दी गई हैं और ट्रेनों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक इस एडवाइजरी में रेलवे स्टेशनों के पास और रेलवे की भूमि में बने धार्मिक स्थलों की कड़ी निगरानी के निर्देश दिए गए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि किसी विपरीत हालात में ऐसी जगहों पर हिंसा भड़क सकती है. रेलवे पुलिस ने देश के 78 रेलवे स्टेशनों को अतिसंवेदनशील माना है जहां सुरक्षा की कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं. इन स्टेशनों में दिल्ली, मुंबई, महाराष्ट्र समेत यूपी के कई स्टेशन शामिल हैं.
राज्यों को एडवाइजरी जारी
केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अयोध्या के फैसले को देखते हुए सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की गई है. सभी राज्यों को फैसले को लेकर अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक अतिरिक्त सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय अर्धसैनिक बलों की 40 कंपनियां भेज रहा है. इन 40 कंपनियों में 4000 पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान शामिल होंगे.
फैसले की तारीख
अयोध्या पर अगले 10 दिन में कभी भी फैसला आ सकता है. सुनवाई पूरी होने के बाद इस समय सभी पक्षों के वकीलों के दावों और सबूतों की जांच के साथ ही फैसला लिखा जा रहा है. इस बीच कोर्ट के गलियारों और आम लोगों के बीच यह चर्चा है कि फैसला किस तारीख को आ सकता है. कयास ये भी हैं कि अयोध्या पर फैसला शुक्रवार 8 नवंबर को ही आ जाएगा और इसका वक्त दोपहर साढ़े तीन बजे का हो सकता है. लेकिन खबर ये भी है कि सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की विशेष पीठ मंगलवार यानी 12 नवंबर के बाद इस मामले में फैसला सुनाएगी. यानी 13 से 16 नवंबर के बीच किसी भी दिन इस सबसे बड़े विवाद पर फैसला आ सकता है.
इन संभावित तारीखों में से 13 नवंबर या फिर 14 नवंबर को फैसला आने की संभावना जताई जा रही है. कोर्ट के कैलेंडर पर गौर करें तो कार्यदिवसों में सात और आठ नवंबर शामिल है. नौ, दस, ग्यारह और बारह नवंबर को छुट्टियां हैं. फिर कार्तिक पूर्णिमा के बाद कोर्ट 13, 14 और 15 नवंबर को ही खुलेगा. 16 नवंबर को शनिवार और 17 को रविवार है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई रविवार को रिटायर हो रहे हैं, ऐसे में फैसला उनके कार्यकाल के दौरान ही आ सकता है.