
सूत्रों के अनुसार, राम मंदिर को लेकर बनाए जा रहे ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा, रामजन्मभूमि न्यास, दिगंबर अखाड़ा और विश्व हिंदू परिषद को शामिल किया जाएगा. इस ट्रस्ट को तीन महीने में बनाया जाएगा. इसके बाद ट्रस्ट मंदिर निर्माण की रूपरेखा तैयार करेगी.
ट्रस्ट में PM भी शामिल होंः VHP
एक दिन पहले विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने कहा था कि अयोध्या मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले हैं ट्रस्ट में अमित शाह को शामिल किया जाए. साथ ही प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष हों और योगी आदित्यनाथ भी ट्रस्ट में शामिल हों.
परिषद का मानना है कि जिस तरीके से सरदार बल्लभ भाई पटेल ने अपनी निगरानी में ट्रस्ट में रहते हुए सोमनाथ मंदिर बनवाया वैसा ही अयोध्या में भी होना चाहिए और प्रधानमंत्री मोदी खुद और अमित शाह दोनों ट्रस्ट में शामिल हों. वीएचपी के मुताबिक प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह के ट्रस्ट में शामिल होने से हर तरह के प्रशासनिक और राजनैतिक अड़चन नहीं आएगी.
सरकार ने शुरू की प्रक्रिया
दूसरी ओर, सूत्रों के अनुसार राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ के आदेश के मुताबिक केंद्र सरकार ने ट्रस्ट बनाने की प्रकिया शुरू कर दी है. केंद्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक इस बाबत कानून और न्याय मंत्रालय के सचिव के साथ साथ AG केके वेणुगोपाल से राय भी ली जाएगी.
ट्र्स्ट के गठन को लेकर अधिकारियों की एक टीम बना दी गई है जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का बारीकी से अध्ययन कर रही है. ताकि अमल में तकनीकी, व्यवहारिक और कानूनी तौर पर कोई खामी ना रहे. सरकार वैसा ही ट्रस्ट बनाएगी जैसा कोर्ट के आदेश में है.
हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि ट्रस्ट की नोडल बॉडी गृह मंत्रालय होगा या सांस्कृतिक मंत्रालय.
कहा यह भी जा रहा है कि सरकार राम मंदिर ट्रस्ट पर कानून भी ला सकती है. सरकार ट्रस्ट की वैधानिकता के लिए कानून बना सकती है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि संसद के इसी सत्र में इससे जुड़ा बिल पेश कर दिया जाए.