Advertisement

23 साल पहले अजहर के इस फैसले ने बदल दी थी सचिन की जिंदगी

वनडे करियर के 70वें मैच में सचिन को ओपनिंग मौका मिला, जिसका उन्होंने भरपूर फायदा उठाया और एक के बाद एक कीर्तिमान अपने नाम करते गए.

सचिन और अजहर सचिन और अजहर
विश्व मोहन मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 27 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 8:33 AM IST

27 मार्च 1994 क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक दिन साबित हुआ. 23 साल पहले आज ही के दिन वनडे फॉर्मेट ने एक ऐसा ओपनर पाया, जिसे दुनिया ने मास्टर ब्लास्टर का नाम दिया. जी हां! उस शख्स का नाम है सचिन रमेश तेंडुलकर. वनडे करियर के 70वें मैच में सचिन को ओपनिंग मौका मिला, जिसका उन्होंने भरपूर फायदा उठाया और एक के बाद एक कीर्तिमान अपने नाम करते गए.

Advertisement

अनफिट सिद्धू की जगह सचिन से ओपनिंग कराई
दरअसल, सचिन को एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में प्रारंभिक बल्लेबाज के तौर पर उतारने का यह फैसला भारतीय कप्तान अजहरुद्दीन का था. 1994 के न्यूजीलैंड दौरे में टीम इंडिया के नियमित ओपनर नवजोत सिंह सिद्धू की गर्दन में परेशानी की वजह से सचिन से पारी का आगाज कराया गया. सचिन भी यही चाहते थे, इसके लिए वे कप्तान अजहरुद्दीन और मैनेजर अजीत वाडेकर से अपील भी कर चुके थे.

न्यूजीलैंड के खिलाफ 82 रनों की जोरदार पारी खेली
न्यूजीलैंड के खिलाफ चार वनडे मैचों की सीरीज के दूसरे मैच में सचिन ने पहली बार ओपनिंग की. उन्होंने 49 गेंदों पर 82 रनों की धुआंधार पारी खेली, जिसमें उनके 15 चौके और दो छक्के शामिल थे. न्यूजीलैंड के ऑलराउंडर गेविन लारसन इस मैच को कभी याद नहीं करना चाहेंगे. सचिन ने उनके पहले ही ओवर में तीन चौके जड़े और एक छ्क्का भी लगाया. आखिरकार दो ओवर बाद ही उन्हें गेंदबाजी से हटा लिया गया. 143 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए इस मैच को भारत ने सात विकेट से जीत लिया. सचिन प्लेयर ऑफ द मैच रहे. अजहर का यह दांव सफल रहा.

Advertisement

इन आंकड़ों पर गौर कीजिए

1.ओपनर के रूप में सचिन ने 344 मैचों में 48.29 की औसत से सर्वाधिक 15310 रन बनाए.

2.जबकि निचले क्रम पर उन्होंने 119 मैचों में 33 की औसत से 3116 रन बनाए.

3. सचिन के वनडे करियर के कुल 49 में से 45 शतक ओपनिंग करते हुए आए.

4.वनडे का उनका पहला शतक 79वें मैच में आया, वह भी ओपनिंग करते हुए.

सचिन पर क्या कहा था अजहर ने
कप्तान अजहर ने एक इंटरव्यू में कहा था- मेरे दिमाग में पहले से ही था कि सचिन से ओपनिंग करवाऊं. पांचवें या छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए उसे 5 या 6 ओवर ही खेलने को मौका मिलता था. मैंने सोचा सचिन जैसे आक्रामक बल्लेबाज को निचले क्रम में उतार कर उसका सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है. इसी के बाद मैंने उससे ओपन करने को कहा.

वाडेकर से क्या कहा था सचिन ने

सचिन ने ऑटोबायोग्राफी- प्लेइंग इट माय वे में खुलासा किया कि वे ओपनिंग बल्लेबाज क्यों बनना चाहते थे-

मेरे पास गेंदबाजों पर आक्रमण करने की क्षमता थी. वनडे के पहले 15 ओवरों में फील्ड प्रतिबंधों का फायदा उठाना एक बड़ी बात थी. मुझे खुद को साबित करने का एक मौका चाहिए था. मैंने वाडेकर सर (तत्कालीन टीम मैनेजर) से कहा था कि अगर मैं असफल रहा, तो दोबारा ओपनिंग की बात नहीं करूंगा.


Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement