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अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में बुलंद दरवाजे के पास स्थित छोटी देग (कड़ाही) में कूदने से एक जायरीन (श्रद्धालु) की मौत हो गई. जायरीन ने आत्महत्या क्यों की, इसकी जांच की जा रही है. दो साल पहले भी ऐसी ही एक घटना में एक लड़की और उसकी मां की मौत हो गई थी.
जहांगीर ने भेंट की थी यह देग
ख्वाजा साहब की दरगाह में दो देग हैं. इनमें से बड़ी देग मुगल बादशाह अकबर ने भेंट की थी, जबकि छोटी देग बादशाह जहांगीर ने चढ़ाई थी. जायरीन मन्नत पूरी होने पर देग पकाते हैं और जायरीन में तकसीम करते हैं. रोजाना रात को देग पकाई जाती है. सोमवार को भी रात लगभग 10 बजे देग पकाने के लिए पानी गर्म किया जा रहा था. तभी एक 18 साल का जायरीन वहां आया और खौलती देग में कूद गया. जायरीन के देग में कूदते ही वहां सनसनी फ़ैल गई. दरगाह कमेटी के कर्मचारी और खादिमों ने उस युवक को तुरंत देग से बाहर निकाला. उसे झुलसी हालत में नजदीक के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल पहुँचाया गया. डॉक्टरों ने बताया कि युवक 90 फीसदी जल गया था और उसे बचाया नहीं जा सका.
चीनी मिलाने को हटाई गई थी जाली
दरगाह के खादिम ज़ुल्फ़िकार चिश्ती ने बताया की दरगाह में आने वाले जायरीन देग को भी देखने आते हैं. देग पकते समय इसे जाली से ढक दिया जाता है, लेकिन पानी खौलने के बाद इसमें चावल और चीनी मिलाने के लिए जाली हटाई जाती है. उसी दौरान जायरीन उसमें कूद गया, जिसकी अस्पताल में मौत हो गई.
अभी तक नहीं हो सकी शिनाख्त
जायरीन के देग में कूदने की खबर मिलने पर दरगाह थाना पुलिस अस्पताल पहुंची. मगर जायरीन ने बयान देने से पहले ही दम तोड़ दिया. पुलिस ने उसकी शिनाख्ती की कोशिश की, मगर अब तक नाकामी ही हाथ लगी है. दरगाह थाना प्रभारी भूपेंद्र सिंह ने अंदेशा जताया कि युवक की मानसिक स्थिति शायद ठीक नहीं थी.
दो साल पहले लड़की और मां कूदे थे देग में
ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह स्थित देग में कूदने का यह कोई पहला मामला नहीं है. दो साल पहले भी एक युवती ने जलती देग में छलांग लगा दी थी. फिर उसे बचाने के लिए उसकी मां भी खौलती देग में कूद गई थी. अस्पताल में इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई थी.