
ऐसा कहां सुना है भाई कि हम यहां से आवाज दें और कोसों दूर बैठा आदमी उसे सुन ले. आलम तो यह है कि बगल में बैठे इंसान को भी दो बार आवाज लगाओ तो वह सुनेगा. खैर, बागी 3 में दो भाईयों की बॉन्डिंग को बेस बनाया गया है जिसमें एक भाई फिजिकली वीक है और वह जब-जब अपने भाई को आवाज देता है, उसका भाई हाजिर हो जाता है. एक्शन से भरपूर या कहें कुछ ज्यादा ही भरपूर बागी 3 दो भाइयों की कहानी है.
कहानी
बागी 3 आगरा के बैकफुट पर सेट है. यह कहानी दो भाईयों की है जिनमें एक भाई रॉनी (टाइगर श्रॉफ) अपने भाई विक्रम (रितेश देशमुख) की परछाई बनकर रहता है. हर मुसीबत और हर परेशानी में रॉनी विक्रम की मदद करने कहीं से भी पहुंच जाता है. रॉनी और विक्रम के पिता (जैकी श्रॉफ) एक पुलिस अफसर थे. एक हादसे में उनकी मौत हो जाती है, लेकिन मरने से पहले वह रॉनी को कहते हैं कि वह हमेशा विक्रम की देखरेख करेगा. अपने पिता के आखिरी लफ्जों को पत्थर की लकीर की तरह मानते हुए रॉनी हर कदम पर विक्रम को बचाता है.
एक दिन विक्रम को पुलिस में भर्ती होने का मौका मिलता है जिसे वह मना कर देता है. विक्रम का कहना है कि वह गुंडों के सामने खड़ा तक नहीं हो पाता जबकि रॉनी अकेला ही गुंडों की धुलाई कर देता है इसलिए उसे पुलिस में भर्ती होना चाहिए. पर रॉनी के समझाने पर कि उसके ऊपर 33 केस चल रहे हैं जिस वजह से वह पुलिस में भर्ती नहीं हो सकता, विक्रम मान जाता है.
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आगरा के जिस एरिया में विक्रम की पोस्टिंग होती है वहां आईपीएल नाम का एक बहुत बड़ा गैंगस्टर होता है. आईपीएल देश के अलग-अलग शहरों से फैमिलीज किडनैप करता है और उन्हें सीरिया भेजता है. एक दिन विक्रम को आईपीएल के अड्डे पर छापामारी करने का ऑर्डर मिलता है. वह डर जाता है लेकिन भाई रॉनी के साथ मिलकर वह किडनैप किए गए फैमिली को बचा लेता है. अब वह आगरा का कॉप बन चुका है.
कुछ समय बाद विक्रम को विदेश मंत्रालय की ओर से सीरिया जाकर किसी मामले की जांच पड़ताल के लिए भेजा जाता है. विक्रम सीरिया जाता है; लेकिन वहां आईपीएल के कहने पर उसे सीरिया के सबसे बड़े आतंकवादी समूह अबू जलाला के आदमी पकड़ लेते हैं. अब विक्रम असली खतरे में है. दरअसल, अबू जलाला उस आतंकवादी समूह का सरदार है जो फिदायीन हमले करवाकर सीरिया और पूरी दुनिया में दहशत फैला रहा है. अब उसे बचाने उसका भाई रॉनी सात समंदर पार भारत से सीरिया जाता है. उसके साथ उसकी गर्लफ्रेंड और विक्रम की साली सिया (श्रद्धा कपूर) भी जाती है. विक्रम तक पहुंचना रॉनी के लिए आसान नहीं है. अब फिल्म में देखना यह है कि वह अपने भाई को बचा पाता है या नहीं?
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एक्टिंग
टाइगर श्रॉफ रॉनी के किरदार में सही लगे. उनकी एक्टिंग भी ठीक-ठाक रही. देखा जाए तो फिल्म में इमोशनल ट्विस्ट लाने की कोशिश जरूर की गई है, जो कि कहीं से भी इमोशनल नहीं है. तो टाइगर में भी इस इमोशनल एक्सप्रेशन की कमी नजर आई. रितेश देशमुख, श्रद्धा कपूर, विक्रम की पत्नी रुचि के रोल में अंकिता लोखंडे सभी ने ठीक-ठाक एक्टिंग की. इनके अलावा विजय वर्मा, जयदीप अहलावत ने भी अपने रोल के मुताबिक ठीक-ठीक एक्टिंग की है.
डायरेक्शन
फिल्म का डायरेक्शन पार्ट कमजोर रहा. दूसरी सरल कहानी वाली फिल्मों से अगर तुलना करें तो बागी 3 को बेहतर तरीके से पेश किया जा सकता था लेकिन कहीं ना कहीं बागी 2 जैसी एक्शन हिट के बाद डायरेक्टर अहमद खान ने बागी 3 में भी एक्शन को मेन कोर्स बना दिया. इस वजह से फिल्म में कई जगह एक्शन का ओवरडोज नजर आ रहा है. आर्मी हेलीकॉप्टर्स, टैंकर्स के बीच टाइगर श्रॉफ का एक्शन सीक्वेंस बिना वजह के लगे.
ओवरऑल
एक्शन ड्रामा बागी 3 में आपको सिवाय एक्शन, एक्शन और एक्शन के और कुछ नहीं मिलेगा. फिल्म में भाई-भाई के रिलेशन का आपको इमोशनल धोखा मिलगा. हां, एक्शन के अलावा आपको फिल्म में टाइगर श्रॉफ का भी ओवडोज देखने को मिलेगा. ऐसा लगता है जैसे बागी 3 सिर्फ टाइगर के शोकेस के लिए बनाई गई है.