
2013 की आपदा में पूरी तरह से तबाह हुए बाबा केदार को बसाने का काम लगभग अंतिम चरण पर है. इस बार की यात्रा में आने वाले यात्रियों को ना केवल सुखद यात्रा का अनुभव होगा बल्कि वह हाईटेक केदार यानी स्मार्ट केदार के दर्शन करेंगे.
केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से पूरा फोकस इस बार चार धाम यात्रा में सबसे ज्यादा केदारनाथ पर ही है, शायद यही कारण है कि मुख्य सचिव उत्पल कुमार से लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार बाबा केदारनाथ में चल रहे कामों का जायजा ले रहे हैं, फिर चाहे वो अधिकारियों के माध्यम से या फिर ड्रोन कैमरे से, प्रधानमंत्री की पूरी नजर केदारनाथ धाम को स्मार्ट सिटी बनाने में लगी हुई है.
अंडर ग्राउंड हुए बिजली के तार
भक्त गौरीकुंड से बाबा केदारनाथ के लिए चढ़ाई करेंगे तो वह देखेंगे कि अब तक सड़क किनारे खड़े बिजली के खंबे और झूलते तार भक्तों को नजर नहीं आएंगे. जिला प्रशासन ने केदारनाथ में बिजली की तमाम लाइनों को अंडरग्राउंड कर दिया है.
रुद्रप्रयाग के डीएम मंगेश घिल्डियाल कहते हैं कि यात्रा के दौरान पहले ऐसा कई बार होता है कि भारी बर्फबारी या अधिक बारिश के कारण जगह-जगह से बिजली के खंबे या तो टूट जाते थे या फिर किसी कारणों से तार झूल जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. मंगेश की मानें तो यह काम लगभग 50 प्रतिशत हो चुका है और जून महीने तक यह काम पूरा हो जाएगा. बिजली के साथ-साथ टेलीफोन की लाइनें भी अंडर ग्राउंड कर दी गई हैं.
खच्चर के सिर पर होगा यंत्र
जिला प्रशासन की मानें तो केदारनाथ के सामने बनने वाले बाजार को भी बेहद हाईटेक बनाया गया है. इस बार व्यवस्थित तरीके से केदारपुरी में हाट बाजार लगेंगे जिससे भीड़ में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी, साथ ही भक्तों को घूमने की शानदार अनुभूति प्राप्त होगी.
डीएम मंगेश ने कहा कि केदारनाथ में बारिश के वक्त लाइट जाने की स्थिति में वैकल्पिक लाइट की भी व्यवस्था की गई है. इसके अलावा इस तरह की व्यवस्थाएं भी की गई हैं कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी न हो, उनके ठहरने का भी उचित प्रबंध किया गया है.
इस बार यात्रा में भक्तों को बाबा केदारनाथ धाम तक पहुंचाने वाले घोड़े-खच्चरों के साथ-साथ उनके मालिकों को भी हाईटेक बनाया गया है. इस बार घोड़े खच्चरों के सिर पर एक ऐसा यंत्र लगाया जाएगा जो ना केवल उनकी लोकेशन बताएगा बल्कि यह भी बताएगा कि खच्चर ठीक से चल रहा है या नहीं.
साथ ही उसके साथ चल रहे खच्चर स्वामी के गले में भी एक विशेष तरह का कार्ड डाला जाएगा जो यह निर्धारित करेगा कि यह खच्चर कितने चक्कर लगा चुका है और इस वक्त कहां पर है. उस कार्ड में खच्चर की संख्या, खच्चर स्वामी का नाम और उसका पूरा पता होगा.