
झारखंड के दो पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी एवं हेमंत सोरेन ने बंद कमरे में करीब 25 मिनट तक गुफ्तगू की. इस मुलाकात को आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन से जोड़कर देखा जा रहा है. मुलाकात के बाद दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों ने हंसकर कहा कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी.
बता दें कि दोनों पूर्व मुख्यमंत्री धनबाद के सर्किट हाउस में ठहरे हुए थे. सुबह झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के अध्यक्ष हेमंत सोरेन (झारखंड विकास मोर्चा) जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी से मिलने पहुंचे.
दोनों के कमरे में जाने के बाद सभी को वहां से बाहर भेज दिया गया. इसके बाद कयासों का दौर शुरू हो गया और दोनों के हाथ मिलाने की खबरें सियासी गलियारे में तेजी से फैलने लगी. इस बीच दोनों ही दलों के समर्थकों के बीच भी अटकलें लगती रहीं.
मुलाकात के बाद हेमंत सोरेन कमरे से बाहर निकले और कहा कि यह शिष्टाचार मुलाकात थी. इसको राजनीति से नहीं जोड़ें. क्या सीटों के बंटवारे पर कोई बातचीत हुई, जवाब में हंसते हुए कहा कि सब ठीक-ठाक है. समय आने पर जवाब देंगे.
वहीं, जेवीएम प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने इस मुलाकात को औपचारिक बताते हुए कहा कि सर्किट हाउस में गुप्त बैठक कैसे हो सकती है. जहां तक महागठबंधन का सवाल है, तो वे (मरांडी) इसके खिलाफ नहीं हैं. नेतृत्व या सीटों को लेकर कोई विवाद नहीं है. समय आने पर सारी बातें स्पष्ट हो जाएंगी.