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कम उम्र में यौन संबंध से किशोरों में संक्रमण का खतरा

एक शोध के मुताबिक, 12वीं कक्षा में पहली बार यौन संबंध बनाने वालों की तुलना में सातवीं कक्षा में पहली बार यौन संबंध बनाने वाले टीनएजर्स सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन से ज्यादा प्रभावित होते हैं.

किशोरावस्था में यौन संबंध किशोरावस्था में यौन संबंध
भूमिका राय/IANS
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 4:41 PM IST

किशोरावस्था जैसी कच्ची उम्र में यौन संबंध बनाने वाले टीनएजर्स में सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शंस (एसटीआई) होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है. एसटीआई में सूजाक (गानरीअ), उपदंश (सिफलिस), क्लैमाइडिया, एचआईवी या संक्रमण वाली अन्य बीमारियां शामिल हैं.

एक शोध में कहा गया है कि यौन संबंधों की वजह से होने वाला संक्रमण एक बेहद गंभीर समस्या है. शोधकर्ताओं का कहना है कि कम उम्र में यौन संबंध बनाने से एसटीआई की चपेट में आने का जोखिम बढ़ जाता है.

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सियोल के योनसेई विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस शोध के लिए कोरिया के युवा जोखिम व्यवहार का एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण डाटा आजमाया. कोरियन सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रि‍वेंशन द्वारा सालाना युवा जोखिम व्यवहार का सर्वेक्षण कराया जाता है.

इस विश्लेषण में यौन संबंध स्थापित कर चुके 22,381 नाबालिगों के जवाबों को शामिल किया गया था.

इनमें से करीब 7.4 फीसदी किशोरों एवं 7.5 फीसदी किशोरियों ने एसटीआई से दो-चार होने की बात कही. शोधकर्ताओं ने पाया कि लड़के व लड़कियों, दोनों में पहले यौन संबंध के वक्त उम्र कम होने की वजह से सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शंस बढ़ गया.

वेबसाइट 'यूथहेल्थमैग डॉट कॉम' की रिपोर्ट के अनुसार, 12वीं कक्षा में पहली बार यौन संबंध बनाने वाले किशोरों की तुलना में सातवीं कक्षा में पहली बार यौन संबंध बनाने वाले किशोर-किशोरियां एसटीआई से तीन गुना ज्यादा प्रभावित हुए.

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शोध के नतीजे जर्नल ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन में प्रकाशित हुए हैं.

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