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NRC पर बांग्लादेश ने कहा- असम में हमारे 'घुसपैठिए' नहीं, भारत सुलझाए अपना मसला

एनआरसी का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. देश की शीर्ष अदालत का कहना है कि मामला पेंचीदा है और शिकायतों पर निष्पक्षता के साथ सुनवाई की जानी चाहिए.

NRC डाटा पर बवाल जारी (File Photo) NRC डाटा पर बवाल जारी (File Photo)
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 10:57 AM IST

असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) का दूसरा ड्राफ्ट सामने आने के बाद भारत में राजनीति तेज हो गई है. जिन 40 लाख लोगों का नाम लिस्ट में नहीं है, उसमें से अधिकतर लोग बांग्लादेशी बताए जा रहे हैं. सरकार ने इस मामले में सख्त रूप अपनाया है और कहा है कि वह सिर्फ भारतीय नागरिकों को ही देश में रहने का अधिकार है. कोई अवैध रूप से यहां नहीं रह सकता है.

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देश में चल रही राजनीति के बीच पहली बार बांग्लादेश की ओर से कोई बयान आया है. बांग्लादेश के सूचना प्रसारण मंत्री हसन उल हक इनु का कहना है कि ये भारत का आंतरिक मामला है, इसमें हमारा कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि असम में कोई भी बांग्लादेशी घुसपैठिए नहीं हैं, जो लोग वहां रह रहे हैं वह काफी लंबे समय से रह रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि ये मामला भारत सरकार का है, वह ही इसे सुलझाएंगे. उन्होंने ये भी कहा कि अवैध रूप से रह रहे शरणार्थियों का विरोध करते हैं, जो रोहिंग्या हमारे देश में भी अवैध रूप से रह रहे हैं वह उन्हें वापस भेजेंगे.

गौरतलब है कि असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का दूसरा ड्राफ्ट सोमवार को जारी किया गया. इसके बाद से ही इस मुद्दे पर राजनीति तेज हो गई है. मंगलवार को इस मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा हुई और जमकर हंगामा हुआ.

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सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा मामला

असम में नागरिक रजिस्टर के मामले में सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ कर दिया कि ड्राफ्ट मसौदे के आधार पर किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि बेहतर होगा, 'आप ही निर्देश दें कि जिनका नाम सूची में दर्ज नहीं है उनके खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं होगी.

इस पर अदालत ने साफ कहा, 'हम फिलहाल कोई निर्देश नहीं देंगे. अभी आप पूरी तफसील के साथ क्लेम और रिजेक्शन को लेकर मानक कार्य प्रक्रिया तैयार करें. हम उसे अपनी मंज़ूरी देंगे. हम फिलहाल चुप रहेंगे. लेकिन इस चुप्पी का मतलब ये नहीं है कि हम आपकी स्कीम से सहमत हैं या असहमत.'

बता दें कि असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का अंतिम मसौदा सोमवार को जारी कर दिया गया. असम देश में एक मात्र ऐसा राज्य है जहां एनआरसी जारी किया गया है, जिसमें पूर्वोत्तर राज्य के कुल 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम हैं. जबकि करीब 40 लाख लोग अवैध पाए गए हैं.

BJP नेता दे रहे आक्रामक बयान

NRC मामले पर तेज राजनीति के बीच हैदराबाद से BJP विधायक राजा सिंह का एक भड़काऊ बयान सामने आया है. राजा सिंह ने कहा है कि जो अवैध बांग्लादेशी अपने देश वापस नहीं लौट रहे हैं, उन्हें गोली मार देनी चाहिए. आपको बता दें कि राजा सिंह हैदराबाद की गोशमहल विधानसभा से विधायक हैं. राजा सिंह से पहले ही पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष कह चुके हैं कि अगर उनकी सरकार आती है तो असम की तरह ही बंगाल में भी NRC को लागू करेंगे.

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