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बांग्लादेश में बढ़ते राजनीतिक टकराव के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश में इमरजेंसी घोषित करने की किसी भी आशंका को खारिज किया है. हसीना ने बुधवार को संसद में कहा, 'इमरजेंसी लगाने की आशंकाएं दिन में सपने देखने जैसी है. जो ऐसे सपने देख रहे हैं, जो देश को तबाही की ओर ले जाना चाहते हैं, हम उन्हें कभी कामयाब नहीं होने देंगे.'
हसीना ने कहा कि किसी को भी इस तरह के हालात पैदा नहीं करने दिया जाएगा कि इमरजेंसी लगाने की नौबत आए. जबकि देश में मध्यावधि चुनाव कराने की मांग को लेकर विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और इसके सहयोगियों का प्रदर्शन और बंद पिछले एक महीने से जारी है.
बीएनपी ने पांच जनवरी को बंद की शुरुआत की थी. उसका कहना है कि वह तब तक प्रदर्शन जारी रखेगी, जब तक मध्यावधि चुनाव के जरिए देश में 'निष्पक्ष' सरकार नहीं बन जाती. हालांकि, सत्तारूढ़ अवामी लीग के नेताओं का कहना है कि बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी गठबंधन देश में अराजकता का माहौल पैदा कर असंवैधानिक सरकार के लिए रास्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
हसीना ने कहा, 'कुछ लोग फोन कर कह रहे हैं कि इमरजेंसी लागू होने वाला है. हमें इमरजेंसी लगाने की क्यों जरूरत पड़ेगी? प्रशासन अपना काम कर रहा है. हम जानते हैं कि आतंकवाद से कैसे मुकाबला करना है. लोग हमारे साथ हैं.'