Advertisement

सैलरी संकट से बचने को बैंकों ने निकासी सीमा में कटौती की

दूसरी तरफ, सरकार ने भी निजी कंपनियों से कहा है कि वे वेतन भुगतान नकदी में करने से बचें और डिजिटली भुगतान ही करें. बैंक पहले से ही काफी सचेत हैं, लेकिन हालात का पूरी तरह से अंदाजा तब ही लग पाएगा, जब वेतन और पेंशन लोगों के खाते में पहुंच जाएंगे.

सैलरी आने से बढ़ेगी नकदी की टेंशन सैलरी आने से बढ़ेगी नकदी की टेंशन
लव रघुवंशी
  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 5:19 PM IST

नवंबर महीना खत्म हो रहा है और अब कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को सैलरी देने का समय आ गया है. नोटबंदी के इस दौर में लोगों को सैलरी मिलने के बाद नकदी की मारामारी होने की आशंका है. इसे देखते हुए बैंक और कंपनियां कमर कसने लगी हैं. बैकों ने निकासी की सीमा में कटौती कर दी है और वे कंपनियों से यह भी कह रहे हैं कि वे कर्मचारियों को प्रीपेड कार्ड दें.

Advertisement

कर्मचारियों को दें प्रीपेड कार्ड

इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के अनुसार बैंकों ने बड़ी कंपनियों को यह सुझाव दिया है कि वे नकदी की जगह अपने कर्मचारियों को प्रीपेड पेमेंट कार्ड दें. देश में लाखों वेतनभोगी कर्मचारी और पेंशनर हैं और इन सबको वेतन, पेंशन भुगतान के बाद बैंकों से नकदी निकासी की होड़ बढ़ेगी. नकदी की तंगी से जूझने के लिए बैंक खुद ही हर दिन कस्टमर द्वारा निकासी की एक सीमा तय कर रहे हैं.

दूसरी तरफ, सरकार ने भी निजी कंपनियों से कहा है कि वे वेतन भुगतान नकदी में करने से बचें और डिजिटली भुगतान ही करें. बैंक पहले से ही काफी सचेत हैं, लेकिन हालात का पूरी तरह से अंदाजा तब ही लग पाएगा, जब वेतन और पेंशन लोगों के खाते में पहुंच जाएंगे.

Advertisement

गौरतलब है कि फिलहाल एटीएम से दैनिक निकासी सीमा 2500 रुपये और बैंक से साप्ताहिक नकदी निकासी सीमा 24,000 रुपये है. बैंकर्स का कहना है कि इस निकासी सीमा की वजह से ही उनके ऊपर दबाव कम हुआ है. ज्यादतर एटीएम खाली रहते हैं, इसलिए लोगों ने भुगतान के दूसरे विकल्पों को आजमाना शुरू कर दिया है.

एक बैंक ने तो नकदी की तंगी की वजह से हर दिन अधिकतम 3,000 रुपये की निकासी की सीमा तय की है. बैंकों पर दबाव कम करने के लिहाज से सरकार ने सभी ग्रुप सी कर्मचारियों को वेतन के रूप में 10,000 रुपये तक नकदी एडवांस में देने की इजाजत दी है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement