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AIBOC का दावा- बैंकों में 30-40% कैश की कमी, 2000 नोटों की हो रही जमाखोरी

AIBOC महासचिव के मुताबिक बैंकों के ये संज्ञान में आया है कि 2000 रुपए के नोटों की जमाखोरी बढ़ी है. क्योंकि RBI 2000 के नए नोट नहीं छाप रहा, इसलिए जमाखोरी की वजह से सर्कुलेशन में ये नोट कम होते जा रहे हैं.

कैश की कमी कैश की कमी
खुशदीप सहगल/आनंद पटेल
  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 2:47 PM IST

देश में कई जगहों पर एटीएम में कैश ना होने की वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडेरेशन (AIBOC) ने दावा किया है कि बैंकों को कैश की 30% से 40% किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति बड़े मूल्य वाले नोटों की कमी की वजह से है. सोमवार से ही देश के कई शहरों में एटीएम में कैश नहीं होने की खबरें सुर्खियों में हैं. बैंक ऑफिसर्स की संस्था का कहना है कि लोगों में FRDI (फाइनेंशियल रिजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस) बिल को लेकर आशंकाओं की वजह से भी कैश की जमाखोरी बढ़ी है.  

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AIBOC के महासचिव डी टी फ्रैंको ने इंडिया टुडे को बताया, ‘FRDI बिल को लेकर लोगों में संदेह की वजह से कैश को अपने पास होल्ड करना बढ़ा है, खास तौर पर बड़े नोटों, 2000 और 500 के नोटों का. डर की वजह से ही मौजूदा स्थिति पेश आई है. फ्रेंको ने ये भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) दावा कर रहा है कि नोटबंदी के पहले के दिनों से ज्यादा कैश सर्कुलेशन में है लेकिन डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा देने के इरादे से कैश की राशनिंग की जा रही है. बता दें कि डिजिटल इकॉनमी मौजूदा सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. फ्रेंको ने कहा कि नोटबंदी के बाद के दिनों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए कोशिशें की गई थीं. हालांकि शुरू में डिजिटल लेनदेन बढ़ा लेकिन बाद में फिर लोग कैश लेनदेन की ओर लौटने लगे.  

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AIBOC महासचिव के मुताबिक बैंकों के ये संज्ञान में आया है कि 2000 रुपए के नोटों की जमाखोरी बढ़ी है. क्योंकि RBI 2000 के नए नोट नहीं छाप रहा, इसलिए जमाखोरी की वजह से सर्कुलेशन में ये नोट कम होते जा रहे हैं. फ्रेंको इसके पीछे FRDI बिल का डर बताते हैं, जो फिलहाल संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास है. इस प्रस्तावित कानून में प्रावधान होगा कि बीमार बैंक अपनी किल्लत को पूरा करने के लिए डिपोजिटर्स के फंड का इस्तेमाल कर सकेंगे. फ्रेंको का कहना है कि यही डिपोजिटर्स की अहम चिंता है और मौजूदा कैश की किल्लत की वजह है.

AIBOC से ही जुड़े अश्विनी राणा का कहना है कि किसानों के लिए ये बुवाई का सीजन है और कृषि से जुड़ी जरूरतों के लिए वो बैंकों से खूब कैश निकलवा रहे हैं. इसके अलावा कई राज्यों में चुनाव की वजह से भी कैश की खपत बढ़ी है. कई बैंकों ने अपने एटीएम को 200 रुपए के नोटों के लिए कैलिब्रेट किया है. 200 के नोट ब्रांचों में तो मिल रहे हैं लेकिन एटीएम में उपलब्ध नहीं हैं.

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