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कनिष्क ज्वैलर्स के खिलाफ CBI की FIR, SBI समेत 14 बैंकों में किया 824 करोड़ का घोटाला

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 14 बैंकों के कंसोर्टियम के साथ 824.15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाली चेन्नई स्थित कंपनी के प्रमोटर डायरेक्टर और अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
मुनीष पांडे/भारत सिंह
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  • 21 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 11:06 PM IST

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 14 बैंकों के कंसोर्टियम के साथ 824.15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाली चेन्नई स्थित कंपनी के प्रमोटर डायरेक्टर और अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.

केस चेन्नई स्थित कंपनी के प्रमोटर डायरेक्टर के अलावा दूसरे डायरेक्टर, दूसरी कंपनियों के तीन पार्टनर, अज्ञात सरकारी कर्मचारियों और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है. यह केस 14 बैंकों के कंसोर्टियम की ओर से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है.

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चेन्नई की एक गोल्ड कंपनी एक कनिष्क ज्वैलर्स ब्रैंड नेम के साथ काम करती है और कई रिटेल स्टोर पर अपने गहने बेचती है. इस कंपनी को एसबीआई समेत 14 बैंकों ने उधार दिया था. इस कंपनी को करीब 747 करोड़ रुपये की वर्किंग कैपिटल फैसिलिटी दी गई थी. इसके अलावा कंपनी ने एसबीआई से कुछ निश्चित अवधि के लोन भी लिए थे.

आरोप हैं कि कंपनी ने गलत रिकॉर्ड दिखाए और देनदार बैंकों के पास से स्टॉक भी हटा लिया था. इसके अलावा कंपनी ने अपने फाइनेंशियल स्टेटमैंट में स्टॉक की मात्रा की भी गलत जानकारी दी थी. इसके सेल्स रजिस्टर में भी अनियमितताएं पाई गई थीं, इसके फंड डायवर्जन भी किया और असामान्य ट्रांजैक्शन भी किए.

सीबीआई ने बुधवार को चेन्नई में कंपनी के कई ठिकानों के खिलाफ छापे भी मारे. कंपनी के अधिकारियों के आवास और कार्यालयों पर छापे अब भी जारी हैं.

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इससे पहले, पीएनबी में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की ओर से किए गए 14,600 करोड़ रुपए के घोटाले सामने आए थे.

एसबीआई ने कनिष्क गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ सीबीआई से जांच की मांग की थी. इंडिया टुडे के पास एसबीआई का यह शिकायती पत्र मौजूद है. एसबीआई की ओर से लिखे पत्र के अनुसार, कनिष्क गोल्ड ने 2007 से कर्ज लेना शुरू किया, और बाद में उसने अपनी क्रेडिट की सीमा बढ़वा लिया था.

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