
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान कर्ज में डूबे उद्योगपति विजय माल्या का अगली सुनवाई में मौजूद रहना जरूरी करार दिया है. पीटीआई के मुताबिक कोर्ट ने पूछा है कि विजय माल्या 21 अप्रैल तक हर हाल में बताएं कि वह कब पेश होंगे. कोर्ट ने ये भी कहा है कि माल्या एक बड़ी रकम जमा कराएं जिसके बाद ही बैंकों से आगे बात का रास्ता साफ होगा.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या के वकील से कहा है कि वह 10 दिनों में अपनी संपत्ति का ब्यौरा दें. माल्या को देश-विदेश में मार्च 2016 तक की संपत्ति का ब्यौरा देना होगा. 21 अप्रैल तक माल्या को सिर्फ अपना ही नहीं पत्नी और बच्चों की संपत्ति का ब्यौरा भी देना होगा. मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी.
बैंको ने ठुकराया माल्या का ऑफर
किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने वाले बैंकों ने कंपनी के मालिक विजय माल्या से लोन चुकाने के लिए बेहतर ऑफर की मांग की है. इस पर किंगफिशर के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कर्ज चुकाने का नया प्रस्ताव बनाने के लिए दो हफ्तों का समय मांगा है. फिलहाल मामले की सुनवाई जारी है.
माल्या ने 4000 करोड़ चुकाने की पेशकश की थी
दरअसल माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में 30 सितंबर तक 17 बैंकों को 4000 करोड़ का लोन चुकाने की पेशकश की थी. जस्टिस कुरियन और रोहिंतन नरीमन की एक पीठ ने बैंकों को विजय माल्या के ऑफर पर जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया था. सात अप्रैल को इस मामले की अगली सुनवाई मुकर्रर की गई थी.
बैंकों ने दिया जवाब
कई बैंकों के सूत्रों से पता चला है कि वह विजय माल्या से लोन चुकाने का बेहतर ऑफर चाहते हैं. पिछले हफ्ते स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि माल्या के ऑफर पर विचार करके गुरुवार को बैंक इस पर कोर्ट में जवाब देंगे.
9000 करोड़ के कर्ज में डूबे हैं माल्या
विजय माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस, युनाइटेड ब्रेवेरीज होल्डिंग्स और किंगफिशर फिनवेस्ट इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में लोन चुकाने के लिए ऑफर के दस्तावेज जमा किए थे. गौरतलब हो कि विजय माल्या और किंगफिशर एयरलाइंस ने 17 बैंको से 9000 करोड़ का कर्ज लिया था.