
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में बुधवार को सुरक्षाबलों का एक ऐसा ऑडियो हाथ लगा है, जिसमें वायरलेस सेट में पत्रकारों को देखते ही गोली मार देने का फरमान सुनाया गया है. इस ऑडियो के सामने आने के बाद पत्रकारों में भय के साथ-साथ आक्रोश का वातावरण है. सीआरपीएफ के डीआईजी ने इस ऑडियो के जांच होने की बात कही है.
पत्रकार गणेश मिश्रा ने कहा कि बीजापुर से पत्रकारों की एक टीम के साथ दक्षिण बस्तर के पांच पत्रकार 27 जुलाई को तेलंगाना की सीमा से लगे पुजारी कांकेर स्थित पांडव पर्वत की स्टोरी करने निकला हुआ था. 27 जुलाई को तेज बारिश के चलते यह दल 27 के बजाय 28 जुलाई को पुजारी कांकेर पहुंचकर स्टोरी करने के बाद 29 जुलाई को लौट आया.
इसी बीच 30 जुलाई को खबर मिली कि पत्रकारों का दल जब रवाना हुआ तो उसके बाद सुरक्षाबलों ने वायरलेस सेट में एक संदेश पास किया था, जिसमें पत्रकारों को देखते ही मार देने का आदेश दिया गया था. इसे सुनकर तो रोंगटे खड़े हो गए, परंतु यह खबर बिना साक्ष्य के अधूरी थी, इसीलिए पत्रकारों की टीम ने इस पर पड़ताल शुरू कर दी.
अंतत: एक ऐसा शुभचिंतक मिला, जिसने खुद की पहचान छुपाने की शर्त पर 41 सेकेंड का ऐसा ऑडियो सुनाया. इस ऑडियो में सुरक्षा बल का एक अधिकारी अपने जवान को वायरलेस सेट पर आदेश दे रहा है कि यदि उधर कोई भी पत्रकार जाता है तो उसे सीधे मार देना. इस ऑडियो के सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में हड़कंप है.
ऑडियो में अधिकारी ने जवान से कहा, 'वो नक्सली तो नहीं हैं, इधर कोई घटना करने आया हो. देख लो कौन है. क्या है. तस्दीक कर लो. उसके बाद सब लिखा-पढ़ी बन जाती है. देख लेना. समझे. उधर सब संभाले रहना. सब छोटी बड़ी फोर्स इधर-उधर पर है. हाई अलर्ट रहना. उधर से कोई पत्रकार नक्सलियों को कवर करने जाएगा, उसको सीधा मरवा देना.'
सीआरपीएफ के डीआईजी आलोक अवस्थी ने कहा कि यदि यह ऑडियो सही है तो मैं डीआईजी होने के नाते इसकी घोर निंदा करता हूं. इस सभ्य समाज में ऐसी घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है और न ही हमें ऐसी घटनाओ को बढ़ावा देना चाहिए, इसीलिए इस मामले में उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. इसमें जो भी दोषी है उन्हें सजा मिलनी चाहिए.