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डेंगू और चिकनगुनिया की लड़ाई, दिल्ली के हेडगेवार अस्पताल का रियलिटी चेक

'आज तक' के कैमरे ने दिल्ली सरकार के हेडगेवार अस्पताल में मरीजों की बदहाल हालत को कैद किया.

हेडगेवार अस्पताल हेडगेवार अस्पताल
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 14 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:05 AM IST

केजरीवाल सरकार अपने अस्पतालों में डेंगू और चिकनगुनिया से निपटने के लिए तमाम इंतजाम के दावे तो करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. 'आज तक' ने मंगलवार को मरीजों का जायजा लेने के लिए हेडगेवार अस्पताल में रियलिटी चेक किया.

'आज तक' के कैमरे ने दिल्ली सरकार के हेडगेवार अस्पताल में मरीजों की बदहाल हालत को कैद किया. यहां हालत ऐसी थी कि एक बीमार लड़की दर्द से कराहती रही. उसके हाथ में ग्लूकोज की बोतल भी चढ़ी हुई थी, लेकिन डॉक्टर इलाज और बेड मुहैया करवाने के नाम पर मरीज को इमरजेंसी वार्ड से डेंगू वार्ड के बीच 1 घंटे तक चक्कर कटवाते रहे. मरीज की बहन ने बताया कि इमरजेंसी वार्ड से डेंगू वार्ड और डेंगू वार्ड से इमरजेंसी वार्ड के चक्कर कटवाए जा रहे हैं, लेकिन पिछले 1 घंटे से न बेड मिला और न ही स्ट्रेचर.

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'फीवर की वजह से बढ़े हैं मरीज'
हेडगेवार अस्पताल में हमारी पड़ताल आगे बढ़ी, जहां एक मरीज का भाई ये शिकायत करते नजर आया कि आधे घंटे से ग्लूकोज की बोतल खाली होने के बावजूद कोई डॉक्टर या स्टाफ बोतल बदलने नहीं आया. इस बीच कैमरा देख एक डॉक्टर वहां पहुंचकर आनन-फानन में बोतल बदलता है. डॉक्टर से जब सवाल पूछा गया तो सफाई देते उन्होंने कहा कि इन दिनों वायरल फीवर की वजह से ज्यादा मरीज हैं. उन्होंने बताया, '150 मरीज को हम एक साथ देख रहे हैं. 3 लोगों का स्टाफ सबके पास नहीं जा सकता है. डेंगू वार्ड में 60 मरीज की देखरेख की जिम्मेदारी 3 डॉक्टर पर है.'

एक-एक बेड पर दो-दो मरीज
हेडगेवार अस्पताल में डेंगू वार्ड में एक बेड पर 2 मरीज जबरन भर्ती होने को मजबूर हैं. एक महिला मरीज ने बताया है कि डॉक्टर ने एक बेड पर 2 लोगों को भर्ती करने के लिए कहा. एक अन्य मरीज ने बताया कि कई घंटों तक खड़े रहने के बाद बेड मिला, जिसमें पहले ही एक मरीज भर्ती है. मरीज ने शिकायत करते हुए कहा कि डॉक्टर कई घंटों तक चेकअप के लिए नहीं आते हैं. फीवर क्लीनिक में मरीजों को पूरा इलाज नहीं मिल रहा है. कई घंटों तक ब्लड टेस्ट काउंटर से टेक्नीशियन गायब नजर आए.

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ब्लड टेस्ट काउंटर पर नहीं मिला कोई
बुखार से तड़प रही एक महिला ने बताया कि डॉक्टर ने टेस्ट करने से मना कर दिया और बोले कल आइए. इसके अलावा एक अन्य शख्स ने बताया कि वो अपनी बहन का ब्लड टेस्ट कराने के लिए काउंटर के आसपास 1 घंटे से चक्कर लगा रहा है, लेकिन ब्लड टेस्ट के काउंटर से टेक्नीशियन गायब है. मरीज के भाई ने बताया कि अस्पताल के CMO को शिकायत करने के बाद भी 1 घंटे तक ब्लड टेस्ट काउंटर पर कोई नहीं पहुंचा. मरीज को वैक्सीन लगाने के लिए एक कमरे से दूसरे के चक्कर भी लगवाए. हैरानी की बात ये थी कि ब्लड टेस्ट के काउंटर पे 24×7 का पोस्टर लगा हुआ है. टेक्नीशियन ने बताया कि जिसकी ड्यूटी काउंटर पर थी वो नहीं आया.

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