
22 जून शुक्रवार को बटुक भैरव जयंती का अद्भुत संयोग बना है. शुक्रवार को उच्च के मंगल का का चित्रा नक्षत्र है. सम्पूर्ण दिन रात का रवियोग है. उपाय से हर मनोकामना पूरी होगी. राहु कर्क राशि में है, केतु मकर राशि में है. शुक्रवार को बटुक भैरव जी की जयंती की पूजा होगी. धोखा देने वाले दुश्मनी करानेवाले राहु केतु होते हैं. बटुक भैरव पूजा करने से राहु केतु शांत होंगे.
आपपर कोई विपदा या संकट है, वह दूर होगा. शत्रु शांत होंगे, शत्रु से आपकी रक्षा होगी और बटुक भैरव शंकरजी का ही दूसरा रूप होता है और भैरव जी का वाहन कुत्ता होता है. केतु को शांत करने के लिए कुत्ते को दूध पिलाया जाता है. राहु को शांत करने के लिए बाजरा चिड़ियों को खिला दें. भैरव पूजा करने से आपको धोखा देने वाले, दुश्मनी या बेईमानी करनेवाले, आपका पैसा हड़पने वाले, झूठ बोलने वाले को सुधर जाते हैं.
भैरव मंदिर या शिव मंदिर जाकर पूजा करें
सुबह गंगा जल डालकर स्नान करें -सफ़ेद वस्त्र धारण करें
भैरव देव को सफ़ेद फूल ,केला ,लड्डू ,तुलसी पत्ते और पंचामृत चढ़ाएं
मन्त्र जाप --ॐ बटुक भैरवाय नमः
कुत्ते को दूध जरूर पिलायें
क्यों मनाई जाती है बटुक भैरव जयंती
हिंदी ज्येष्ठ महीने की
शुक्ल पक्ष की दशमी को
बटुक भैरव जयंती के रूप में मनाई जाती है
इस दिन भगवान् शिव ने भैरव के रूप में अवतार लिया था
बटुक भैरव भगवान् शिव का ही रूप है
जो क्रोधित , भयानक , विकराल और प्रचंड रूप है
बटुक भैरव की पूजा करने से
आपके शत्रुओं और विरोधियों का कोई भी
षड्यंत्र सफल नही होता है
इसलिए शिव मंदिर जाकर कालभैरव की पूजा करे
उनको लाल सिन्दूर , लाल फूल , अनार और बर्फी चढ़ाये
बेईमान लोगों से रक्षा, अपराधियों से रक्षा
और आपके पैसा हड़पने वालो से रक्षा करते हैं
कालभैरव
उपाय- प्रातः काल स्नान करके
व्रत कर सकते हैं
या संकल्प ले सकते हैं
और भैरव जी के मंदिर में पूजा करनी चाहिए
और पुआ या हलवा बनाकर
भैरव जी के वाहन कुत्तों को खिलाना चाहिए
इस से हर तरीके से आपकी रक्षा होगी
बटुक भैरव की उत्त्पत्ति की कथा
प्राचीन काल की बात है
आपद नाम का एक राक्षस था
वैसे अभी भी आपद तो अभी भी परोक्ष रूप से ज़िंदा है
जो बिन बुलाये इन दिनों कभी भी आ जाती है
जी हाँ --उस जमाने न में आपद का अत्याचार बहुत बढ़ गया था
तीनो लोकों के देवता देवी और मनुष्य अत्याचार से परेशान थे
आपद को वरदान था कि उसे कोई देवी देवता नहीं मार सकता -
कोई वध नही कर सकता है
सिर्फ कोई पांच साल का बच्चा ही मार सकता है
तब - देवी देवताओं की प्रार्थना शिव जी ने सुनी
देवी देवताओं की शक्ती से पांच साल के बालक की उत्त्पत्ति हुई
जिसका नाम बटुक भैरव रखा गया --उसने ही आपद नाक राक्षस का वध किया
इसलिए आपके उपर कोई आफत आये तो
कलियुग में बटुक भैरव की पूजा करनी चाहिए
बटुक भैरव जयंती धूमधाम से मनाएं