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बवाना अग्निकांड: 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया फैक्ट्री मालिक

दिल्ली के बवाना अग्निकांड में हुई 17 लोगों की मौत के जिम्मेदारी दो आरोपियों में से एक मनोज जैन को 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. इस मामले की जांच के दायरे को लेकर भी अग्निकांड पीड़ित के वकील सवाल उठा रहे हैं.

बवाना अग्निकांड में हुई 17 लोगों की मौत बवाना अग्निकांड में हुई 17 लोगों की मौत
मुकेश कुमार/अनुज मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 25 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 11:52 AM IST

दिल्ली के बवाना अग्निकांड में हुई 17 लोगों की मौत के जिम्मेदारी दो आरोपियों में से एक मनोज जैन को 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. इस मामले की जांच के दायरे को लेकर भी पीड़ित के वकील सवाल उठा रहे हैं. इसे सरकारी विभाग, फैक्ट्री मालिक और बिल्डिंग मालिक द्वारा की गई लापरवाही करार देकर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

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इस हादसे की जिम्मेदारी और जवाबदेही की जांच जारी है, लेकिन पीड़ित के वकील इस जांच से संतुष्ट नहीं हैं. पीड़ित के वकील ऋषिपाल ने हैरत जताई है कि दिल्ली में बिना लाइसेंस के पटाखा फैक्ट्री जगह बदल-बदल कर चल रही थी. इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक दिल्ली में कैसे अवैध तरीके से लाया जा रहा था. फायर सेफ्टी के इंतजाम क्यों नहीं किए गए थे?

दिल्ली सरकार की तमाम एजेंसियां क्या कर रही थीं. ये तमाम सवाल जो हर हादसे के बाद उठाए जाते हैं, लेकिन अंजाम तक कभी नहीं पहुंचते. इस तरह के हादसे रोकने के लिए जरूरी है कि बवाना अग्निकांड में उन लोगों और विभागों में तैनात अधिकारीयों को भी आरोपी बनाया जाए, जो इस अवैध फैक्ट्री खतरे को जानते हुए भी इसे चलने देने के लिए जिम्मेदार थे.

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जिस बिल्डिंग में यह फैक्ट्री चल रही थी, उसके मालिक को भी आरोपी बनाया जाना चाहिए, उसे पता था कि यह फैक्ट्री न केवल अवैध है, बल्कि बेहद खतरनाक भी है. इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है, लेकिन जांच जिस दिशा और गति से जारी है, उसे देख लगता नहीं की पुलिस और तमाम सरकारी विभाग इस हादसे के बाद भी गंभीर नजर आते हैं.

बताते चलें कि इस हादसे में करीब 17 लोग मारे गए हैं. हादसे का शिकार हुई एक मृतक सोनी की मां का कहना है कि इसमें 18 लोगों की मौत हुई है. मृतकों में उनकी बेटी का अजन्मा बच्चा भी शामिल है. अग्निकांड में 21 वर्षीय सोनी का परिवार उनके पहले बच्चे के जन्म का बेसब्री से इंतजार कर रहा था, लेकिन उसका अधजला शव देख सभी भावुक हो गए.

एक अन्य फैक्ट्री की मजदूर सोनी की मां ने बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल के शवगृह के बाहर रोते हुए बताया, ‘कल आग की घटना में मेरे नाती समेत 18 लोगों की मौत हुई. हम सोनी के पहले बच्चे का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे लेकिन सबकुछ खत्म हो गया.’ सोनी के भाई बाबू राम ने बताया कि सोनी का पति अपने गांव सीतापुर गया हुआ था.

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