Advertisement

Baazaar: शेयर बाजार की रोमांचक कहानी, सैफ-राध‍िका की उम्दा एक्टिंग

सैफ अली खान को लेकर बाजार फिल्म बनाई गई है. शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव और उस दुनिया के इर्द-गिर्द होने वाली बातों को दर्शाने की कोशिश की गई है, आइए जानते हैं आखिरकार कैसी बनी है यह फिल्म.

बाजार फिल्म पोस्टर बाजार फिल्म पोस्टर
ऋचा मिश्रा
  • मुंबई,
  • 26 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 5:14 PM IST

फिल्म का नाम : बाजार

डायरेक्टर: गौरव के चावला

स्टार कास्ट: सैफ अली खान, चित्रांगदा सिंह, रोहन मेहरा, राधिका आप्टे

अवधि: 2 घंटा 20  मिनट

सर्टिफिकेट: U/A

रेटिंग:  3.5 स्टार

गौरव के चावला का नाम विज्ञापन की इंडस्ट्री में  प्रसिद्ध है लेकिन पहली बार उन्होंने फिल्म डायरेक्शन में कदम रखा है. शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव और उस दुनिया के इर्द-गिर्द होने वाली बातों को बाजार फिल्म के जरिए गौरव ने दर्शाने की कोशिश की है, आइए जानते हैं आखिरकार कैसी बनी है यह फिल्म.

Advertisement

कहानी:

फिल्म की कहानी मुंबई के उद्योगपति शकुन कोठारी (सैफ अली खान) से शुरू होती है जो खुद को शेयर बाजार का किंग मानता है. शकुन की बीवी मंदिरा कोठारी (चित्रांगदा सिंह) है. शकुन के साथ के व्यापारी उससे इसलिए जलते हैं क्योंकि उसके काम करने का तरीका सबसे अलग है. इसी बीच इलाहाबाद शहर से ट्रेडिंग करने वाले रिजवान अहमद (रोहन मेहरा ) की एंट्री मुंबई में होती है. उसका एक ही सपना होता है, शकुन कोठारी से एक बार मिलना. इस दौरान रिजवान की मुलाकात प्रिया (राधिका आप्टे) से होती है, जो कि एक ट्रेडिंग कंपनी में काम करती है. रिजवान का शकुन से मिलना और मिलने से पहले और उसके बाद में तरह-तरह की घटनाओं का घटना भी एक दिलचस्प वाकये है. अंत में कहानी अलग मुकाम पर पहुंच जाती है, जिसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.

Advertisement

फिल्म को क्यों देख सकते हैं:

फिल्म की कहानी बड़ी दिलचस्प है और खासतौर से इसका स्क्रीनप्ले कमाल का है. फिल्म देखते हुए इंटरवल कब आ जाता है पता ही नहीं चलता. फिल्म के संवाद भी काफी दिलचस्प है, जिसकी वजह से असीम अरोड़ा, निखिल आडवाणी ,और परवेज शेख की तारीफ जरूर होती है. फिल्में कथानक जिस तरीके से आगे बढ़ता है वह काफी दिलचस्प है.

हम कह सकते हैं कि पहली बार फिल्म का डायरेक्शन कर रहे गौरव के चावला बधाई के पात्र हैं बहुत ही अच्छा डायरेक्शन किया है. शेयर बाजार की रिसर्च भी काबिले तारीफ है. जिस इंसान को शेयर मार्केट के बारे में बिल्कुल नहीं पता उसके लिए भी यह फिल्म देखनी आसान हो जाती है. फिल्म को दर्शाने का एक अलग तरह का अंदाज है. जो कि काफी स्टाइलिश भी है और उसे आप थिएटर तक जा कर ही फील कर पाएंगे.

कैसी है किरदारों की अदाकारी:

सैफ अली खान ने कई सालों के बाद ओमकारा वाले लंगड़ा त्यागी के बराबर की परफॉर्मेंस दी है. बहुत ही बेहतरीन अभिनय करते हुए नजर आते हैं. इसके साथ ही अपने जमाने की मशहूर अभिनेता विनोद मेहरा के बेटे रोहन मेहरा भी इस फिल्म के साथ हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रख रहे हैं. लेकिन उन्हें देखकर बिल्कुल नहीं लगता कि यह उनकी पहली फिल्म है. बहुत ही उम्दा अभिनय करते हुए नजर आए हैं. राधिका आप्टे ने एक बार फिर से बता दिया है कि उन्हें बेहतरीन अदाकारा क्यों कहा जाता है. राध‍िका प्रिया राय के रोल में बखूब नजर आती है. लेकिन चित्रांगदा सिंह के काम में ज्यादा दम नहीं है वो और बेहतर काम कर सकती थी. फिल्म के बाकी किरदारों ने भी सहज अभिनय किया है.

Advertisement

कमजोर कड़ियां:

फिल्म की कमजोर कड़ी इसका इंटरवल के बाद का हिस्सा है जो थोड़ा कहानी को स्लो करता है. एक  तरीके से यदि फिल्म को 5- 7 मिनट कम किया जाता तो और भी ज्यादा क्रिस्प हो जाती. फिल्म रिलीज से पहले इसका कोई ऐसा गाना नहीं है जो कि बहुत बड़ा हिट हुआ हो और शायद यही कारण है कि बाजार में इस बाजार की गर्माहट कम है.

बॉक्स ऑफिस:

ट्रेड पंडितों की मानें तो फिल्म का बजट लगभग 40 करोड़ है और इसे 1500 से ज्यादा स्क्रीन्स में रिलीज किया जाएगा. सैफ अली खान के फैंस तो इसे जरूर देखेंगे और वर्ड ऑफ माउथ इस फिल्म को अच्छी ओपनिंग दिला पाने में जरूर कामयाब रहेगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement