
बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त जस्टिस लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों पर अमल करते हुए राहुल जौहरी को अपना पहला सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) नियुक्त किया है. जौहरी 1 जून 2016 से अपना पदभार संभालेंगे. बुधवार को बीसीसीआई के अधिकारियों ने मुंबई में हुई बैठक में यह फैसला लिया.
कौन हैं राहुल जौहरी?
राहुल जौहरी डिस्कवरी के साथ लंबे समय से जुड़े हुए थे जहां ये डिस्कवरी नेटवर्क साउथ एशिया के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और जनरल मैनेजर के पद पर थे. जौहरी करीब 15 साल तक डिस्कवी से जुड़े रहे.
BCCI के मुंबई दफ्तर को संभालेंगे जौहरी
बीसीसीआई की ओर से घोषणा की गई कि राहुल जौहरी सीधे बीसीसीआई के सचिव अनुराग ठाकुर को रिपोर्ट करेंगे और ये मुंबई स्थित बीसीसीआई के दफ्तर में बैठेंगे. जौहरी की नियुक्त का ऐलान करते हुए BCCI ने कहा कि क्रिकेट को बेहतर तरीके से लोगों तक पहुंचाने के लिए रणनीति तैयार करने में जौहरी की अहम भूमिका होगी. साथ ही उनके नये अनुभवों का इस्तेमाल किया जाएगा.
जौहरी के अनुभव का बोर्ड को मिलेगा फायदा
वहीं बीसीसीआई के अध्यक्ष शशांक मनोहर ने कहा कि उन्हें खुशी है कि राहुल जौहरी जैसे अनुभवी और टेलेंटेड शख्स बोर्ड के साथ जुड़े. उन्होंने कहा कि राहुल जौहरी के पास लंबा अनुभव है और उम्मीद है कि वे इंडियन स्पोटर्स को एक नया आयाम देंगे.
BCCI से जुड़कर जौहरी खुश
इस मौके पर राहुल जौहरी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि करोड़ों भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए कुछ करने का मौका मिला है. मीडिया इंडस्ट्री में 20 साल के अनुभव के अलावा राहुल जौहरी डिस्कवरी नेटवर्क के साथ 15 साल तक काम कर चुके हैं.
लोढ़ा कमेटी की रिपोर्ट में सिफारिशें
गौरतलब है कि जस्टिस लोढ़ा कमेटी ने सिफारिशें की थी कि क्रिकेट से हटकर मैनेजमेंट को देखने के लिए एक सीईओ की नियुक्ति जरूरी है. लोढ़ा कमेटी ने सीईओ की नियुक्ति की सिफारिश के साथ ही उसे पांच साल का अनुबंध देने की सिफारिश भी की थी लेकिन बीसीसीआई ने जौहरी के कार्यकाल को लेकर अभी कोई जानकारी नहीं दी है. इसके अलावा रिटायर्ड जस्टिस आर एम लोढ़ा की अगुवाई वाले तीन सदस्यीय समिति ने BCCI में सुधार के लिए कई सुझाव दिए थे. समिति ने BCCI के प्रशासनिक ढांचे के भी पुनर्गठन का सुझाव दिया और सीईओ के पद का प्रस्ताव रखा था जो 9 सदस्यीय शीर्ष परिषद के प्रति जवाबदेह होगा. सुप्रीम कोर्ट ने भी बीसीसीआई दो टूक कह दिया था कि लोढ़ा कमेटी की रिपोर्ट को लागू करना ही होगा.