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बीफ पर राजनीति का असर, कम हो गई देश की कमाई

अप्रैल में देश का बीफ निर्यात 7.62 फीसद घटकर 25.706 करोड़ डॉलर का रह गया. इसके निर्यात में कमी उत्तर प्रदेश में बिना लाइसेंस वाले बूचड़खानों पर सरकारी कार्रवाई के कारण हुई.एक आधिकारिक आंकड़े के अनुसार पिछले साल इस महीने देश से 27.826 करोड़ डालर का बीफ निर्यात हुआ था.

बीफ उद्योग बीफ उद्योग
BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 08 जून 2017,
  • अपडेटेड 4:57 PM IST

अप्रैल में देश का बीफ निर्यात 7.62 फीसद घटकर 25.706 करोड़ डॉलर का रह गया. इसके निर्यात में कमी उत्तर प्रदेश में बिना लाइसेंस वाले बूचड़खानों पर सरकारी कार्रवाई के कारण हुई. एक आधिकारिक आंकड़े के अनुसार पिछले साल इस महीने देश से 27.826 करोड़ डॉलर का बीफ निर्यात हुआ था.

योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आते ही राज्य में चल रहे अवैध बूचड़खानों पर हमला बोला और उसे लगातार बंद करवाया गया. इसके साथ ही देशभर मे भी अवैध बूचड़खानों को बंद करने की मांग की गई जिससे देश के मीट उद्योग पर भारी असर पड़ा था.

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भारत भैसे के मांस का सबसे बड़ा निर्यातक है. वर्ष 2016-17 में देश से करीब चार अरब डॉलर का मांस का निर्यात किया गया था. बीफ निर्यात पर उत्तर प्रदेश में अनाधिकृत बूचड़खानों पर राज्य सरकार द्वारा कार्रवाई के चलते असर पड़ा है. इस कार्रवाई के चलते यह उद्योग मार्च में हड़ताल पर चला गया था.

गौरतलब है कि भारत के पशु कल्याण बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट और मंत्रालय की सिफारिशों को शामिल करते हुए नियमों का मसौदा तैयार किया और 23 मई को एक गजट अधिसूचना जारी करते हुए मवेशियों की बिक्री पर रोक लगा दी. प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टु एनिमल्स (रेगुलेशन ऑफ लाइव स्टॉक मार्केट्स) रूल्स, 2017 के नाम से जारी अधिसूचना के दायरे में गाय, बछड़ा, सांड़, भैंस, बछिया, बैल और ऊंट शामिल हैं.

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