
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए नामांकन भरने के दौरान राज्य भर से हिंसक घटनाएं होने की रिपोर्ट्स हैं. मंगलवार को राज्य के कई जिलों में हुई इन हिंसक घटनाओं में अधिकतर विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया. मुर्शिदाबाद में बीजेपी के जिलाध्यक्ष गौरीशंकर घोष और उनके समर्थकों की लाठियों से पिटाई की गई. ये घटना उस वक्त हुई जब घोष लालबाग बीडीओ दफ्तर से नामांकन फॉर्म लेने गए थे.
घोष ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पूरे बीडीओ दफ्तर पर कब्जा किया हुआ था. विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ताओं पर हमले किए जा रहे थे और उन्हें नामांकन फॉर्म लेने से रोका जा रहा था. मुर्शिदाबाद में हुई इस घटना में बीजेपी के कम से कम 12 कार्यकर्ता घायल हो गए.
हुगली जिले में बीजेपी कार्यकर्ता आरामबाग में एसडीओ दफ्तर में नामांकन फॉर्म दाखिल करने के लिए पहुंचे तो उन पर कथित तौर पर टीएमसी समर्थकों ने हमला किया. बीजेपी कार्यकर्ताओं को घूंसे मारने के साथ जूतों से पिटाई की गई. सरकारी अधिकारियों के सामने ही उन्हें दफ्तर से खींचते हुए बाहर निकाला गया.
बीरभूम जिले के बीजेपी प्रभारी कालोशोना मोंडोल की पीठ में कथित तौर पर चाकू से वार किया गया. मोंडोल जिला अधिकारी के दफ्तर में विपक्ष के कार्यकर्ताओं को सुरक्षा की कमी की शिकायत करने गए थे. इसी तरह की घटनाएं बांकुरा और पूर्वी बर्दवान जिलों में भी हुई.
कूचबिहार में SUCI की महिला उम्मीदवार कानारानी दास नामांकन भरने के लिए गईं तो कथित तौर पर उनकी टीएमसी समर्थकों ने पिटाई की. ये घटना दिनहाटा बीडीओ ऑफिस में हुई. दास को दिनहाटा अस्पताल में भर्ती कराया गया.
राज्य में कई जगह हमले की घटनाओं के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की अगुआई में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से मिला. साथ ही राज्यपाल को नामांकन प्रक्रिया के दौरान लगातार हो रही हिंसक घटनाओं पर ज्ञापन सौंपा. बीजेपी का कहना है कि अगर तत्काल उपचारात्मक कदम नहीं उठाए जाते तो मुक्त और निष्पक्ष चुनाव कराना मुमकिन नहीं है और ये लोकतंत्र का मखौल होगा.
पश्चिम बंगाल में 1, 3 और 5 मई को तीन चरणों में पंचायत चुनाव होने हैं. नामांकन भरने की आखिरी तारीख 9 अप्रैल है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘वे विपक्ष के उम्मीदवारों के घर जला देंगे और उन्हें नामांकन वापस लेने के लिए मजबूर करेंगे. हम बंगाल की सियासी हकीकत से वाकिफ हैं. हम जेहनी तौर पर ऐसे हालात से निपटने के लिए तैयार हैं. अगर कई ताकत से जवाब देने की जरूरत हुई तो हम वैसा भी करेंगे. हर बार राज्य में पंचायत चुनावों के दौरान सैकड़ों मरते हैं और ये साल भी कोई अलग नहीं होगा.’
वहीं टीएमसी ने हिंसा के ऐसे सभी आरोपों को खारिज किया है. राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘एक राजनीतिक दल के नेता जिस तरह की भाषा बोल रहे हैं, उससे साफ है कि उनका लोकतंत्र में कोई विश्वास नहीं है.’
राज्यपाल त्रिपाठी ने राज्य चुनाव आयुक्त ए के सिंह को समन कर मुक्त और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उठाए कदमों की जानकारी मांगी है. सिंह बुधवार को राजभवन जा सकते हैं.
राज्यपाल के इस कदम पर पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘वे अधिकारियों को बुलाने की स्थिति में हो सकते हैं लेकिन जब एक पार्टी विशेष का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिल रहा हो, ऐसे में उसकी उपस्थिति में राज्य चुनाव आयुक्त को कॉल करना अवांछित और अनैतिक है.’