
केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने एक बार फिर समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव पर निशाना साधा है.
इस बार बेनी प्रसाद वर्मा ने अयोध्या में 1990 में हुई घटना को लेकर आरोप लगाया है कि मुलायम ने लालकृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर विवादित ढांचे को गिरवाने की साजिश रची थी.
बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा, 'मुलायम 30 अक्टूबर 1990 को ही आडवाणी के साथ मिलकर अयोध्या में विवादित ढांचा गिरवाना चाहते थे. मुलायम उत्तर प्रदेश के तत्कालिक मुख्यमंत्री थे.'
कांग्रेस नेता ने मुलायम पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, 'एक साजिश के तहत विवादित ढांचे की सुरक्षा कम कर दी गई थी. पीएसी और अन्य सैन्य बलों को वहां से हटाकर दूसरे इलाकों में भेज दिया गया. उस संवेदनशील क्षेत्र कई दिनों तक ऐसी ही स्थिति बनी रही.'
बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा, 'बाद में मुलायम ने कारसेवकों द्वारा विवादित ढांचे को गिराए जाने के खतरे की खबरों को तूल देकर पुलिस को अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के साथ सख्ती से पेश आने का आदेश दे दिया और इसी बहाने विवादित ढांचे को गिरने से बचाने का सेहरा अपने सिर बांध लिया.'
बेनी प्रसाद ने दावा किया कि मुलायम सिंह यादव ने पुलिस चीफ को विवादित ढांचे के पास जाने वालों को गोली मारने का आदेश दिया था. जबकि मैंने पानी की बौछार, लाठीचार्ज और पांव पर गोली मारने की बात कही थी. सच यह है कि वहां जितने लोग जमा हुए थे वे सब श्रद्धालू थे ना कि कारसेवक.
बेनी प्रसाद की मानें तो मुलायम सिंह यादव ने खुद को मुस्लिमों का एक मात्र हितैषी साबित करने के लिए विवादित ढांचा गिराए जाने के खतरे का हौवा बनाया.
गौर करने वाली बात है कि बेनी प्रसाद वर्मा उस वक्त समाजवादी पार्टी में हुआ करते थे.
बेनी ने ये भी आरोप लगाया कि मुलायम खुद को लोहिया का अनुयायी बताते हैं, लेकिन उन्होंने ब्राह्मण सम्मेलन बुलाकर ये साबित कर दिया है कि उनका लोहिया की विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है.