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दिग्गज अभिनेता और थिएटर आर्टिस्ट ओम पुरी की 6 जनवरी सुबह हार्ट अटैक आने की वजह से निधन हो गया.
ओमपुरी के निधन पर सदमे में बॉलीवुड, यूं दी श्रद्धांजलि...
ओम पुरी का जितना योगदान पैरलल सिनेमा को रहा उससे कहीं ज्यादा वो मेनस्ट्रीम फिल्मों के साथ रहे. ओम पुरी ने लगभग 300 अलग-अगल भाषाओं की फिल्में की जिसमें हिंदी से साथ कन्नड़, मराठी, मलयालम, हॉलीवुड और ब्रिटिश फिल्में थीं.
अर्धसत्य से आस्था और हेराफेरी से बजरंगी, ओम पुरी की 10 बेस्ट फिल्में
आइए जानें, उनकी ऐसी ही फिल्मों में बोले गए उनके दमदार डायलॉग्स जिनमें उनकी आवाज हमेशा अमर रहेगी...
1. अग्निपथ: जिस दिन पुलिस की वर्दी का साथ पकड़ा... उस दिन डर का साथ छोड़ दिया.
2. ओह माय गॉड: मजहब इंसानों के लिए बनता है... मजहब के लिए इंसान नहीं बनते.
3. चाइना गेट: जंग कोई भी हो, नतीजा कुछ भी हो...एक सिपाही अपना कुछ ना कुछ खो ही देता है.
4. प्यार तो होना ही था: हर इंसान को जिंदगी में एक बार प्यार जरूर करना चाहिए...प्यार इंसान को बहुत अच्छा बना देता है। 5. घायल वंस अगेन: जब एक भ्रष्ट आदमी मरता है तो उसकी सत्ता खत्म होती है...और जब एक सच्चा आदमी मरता है तो उसकी सत्ता शुरू होती है.
घासीराम कोतवाल से शुरू हुआ था ओम पुरी का करियर, अर्धसत्य ने दी पहचान..
6. चक्रव्यूह: मैं ऐसे लोकतंत्र में विश्वास नहीं करता...जो गरीबों की इज्जत करना नहीं जानता.
7. नरसिम्हा: मेरा फरमान आज भी इस शहर का कानून है. मैं जब भी करता हूं, इंसाफ ही करता हूं.
8. आवारा पागल दीवाना: जैसे ही मैंने उसकी कनपटी पर यह गनपट्टी रखी...उसका चेहरा बिना दूध की चाय जैसा पड़ गया. मरने से पहले मेरे बाल डाई करा देना, मैं जवान होकर मरना चाहता हूं.
9. बाबुल: परंपराओं की लकीरें जब धुंधली पड़ जाती हैं...तो नई लकीरें खींचने से परहेज नहीं करना चाहिए.
10. जाने भी दो यारो: द्रोपदी तेरे अकेले की नहीं है...हम सब शेयरहोल्डर हैं.