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बेस्ट कॉलेज: विज्ञान का मजबूत आधार क्राइस्ट यूनिवर्सिटी

क्राइस्ट यूनिवर्सिटी से साइंस मंक बैचलर डिग्री न सिर्फ आपकी वैज्ञानिक समझ को पुख्ता करती है बल्कि जिंदगी के लिए जरूरी हुनर से भी लैस करती है.

यूनिवर्सिटी लैब में छात्र यूनिवर्सिटी लैब में छात्र
सरोज कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 22 मई 2017,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST

क्राइस्ट यूनिवर्सिटी का नाम शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता और उत्कृष्टता का पर्याय बन गया है. विश्वविद्यालय अपने छात्रों को बेहतरीन तालीम मुहैया करता है ताकि वे असल दुनिया के लिए तैयार हो सकें. जब दुनिया कई हुनरों से लैस लोगों की तलाश में है, विश्वविद्यालय अपने छात्रों को ऐसी ही शख्सियतों में ढाल रहा है. इसके लिए वह उन्हें अपनी सीमाओं से आगे बढ़कर बेहतर प्रदर्शन, नई चीजों का तजुर्बा और आत्मविश्वास विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करके हुनरमंद युवाओं का निर्माण कर रहा है. यूनिवर्सिटी में सबसे पहले विज्ञान विभाग ही शुरू हुआ था और यह आज भी छात्रों को नए-नए प्रयोग और तजुर्बे करने की प्रेरणा देता है. फैकल्टी छात्रों को रिसर्च करवाती है और चुनौतियों के माकूल समाधान खोजने में मदद करती है. यहां हरेक शिक्षक अपने विषय में माहिर है और नई खोजों और प्रयोगशाला उपकरणों की नवीनतम जानकारी हासिल करता रहा है. विज्ञान के प्रैक्टिकल के लिए प्रयोगशालाओं के अलावा यहां दो पुस्तकालय भी हैं जिनका छात्र लाभ लेते हैं.

क्राइस्ट यूनिवर्सिटी कई महोत्सवों, प्रतिस्पर्धाओं और अध्ययन यात्राओं के आयोजन के लिए भी जानी जाती है जो छात्रों में सीखने की इच्छा को बढ़ा देते हैं. छात्रों की सीख-समझ का इम्तिहान लेने के लिए उन्हें प्रतियोगिताओं के साथ ही कॉलेजों के भीतर तथा इंटर कॉलेज उत्सवों, राष्ट्रीय कार्यशालाओं और सेमिनारों में शामिल होने के मौके मिलते हैं, जिनमें आइआइएससी सरीखे प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रोफेसर व्याख्यान देते हैं.

मैं कैंपस में चारों ओर नजर दौड़ाता हूं तो खासी चहलपहल दिखाई देती है. लॉ स्कूल के छात्र अपने मूट मेमोरियल्स के प्रिंट निकलवाने के लिए दौड़-धूप कर रहे हैं, वहीं होटल मैनेजमेंट के छात्र पाक कला की शानदार सौगातें तैयार करने में और टापू के नजदीक बने कई सारे फूड स्टॉलों पर छात्रों को परोसने में जुटे हैं. इसी के साथ श्रेष्ठ छात्रों की एक मंडली बैठक में मुब्तिला है और चर्चा कर रही है कि वह अपनी कक्षा के सहपाठियों की मदद और मार्गदर्शन कैसे कर सकती है और मानसिक स्वास्थ्य को जरूरी प्राथमिकता कैसे दे सकती है. उधर, थिएटर के छात्र मुख्य बोर्ड पर अपने एक और नाटक के पोस्टर लगा रहे हैं.

पहले खंड की तरफ ले जाने वाली सीढिय़ों पर चढ़ते हुए मेरे कानों में ब्लॉसम्स फेस्ट की रिहर्सल करते विभिन्न बैंड की आवाजें पड़ती हैं. यह यूनिवर्सिटी का सबसे लोकप्रिय आयोजन है, जिसमें सभी बेहद प्रतिभावान प्रतिस्पर्धियों में से किसी एक विजेता का चुनाव करने में जजों के पसीने छूट जाते हैं. हमारे कई छात्र कैंपस के बाहर प्रोफेशनल कलाकार हैं और देश-विदेश में यूनिवर्सिटी को गौरवान्वित करते रहे हैं. यहां अन्य तरीकों से भी छात्रों को समाज के प्रति अपना दायित्व निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.

हम जो भी बनना चाहते हैं, वह बनने के लिए विश्वविद्यालय हमें ढेरों मौके देता है. इसीलिए आप यूनिवर्सिटी की बेहद इच्छित गायक मंडली में लॉ के एक छात्र की बगल में बीबीए के एक छात्र को गाते देखते हैं. दर्पण, ब्लॉसम्स, इन-ब्लूम, ज्यूरिस्टार सरीखे फेस्ट छात्रों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देते हैं और साथ ही जीत और हार के प्रति एक सकारात्मक रवैया विकसित करने में मदद करते हैं. यही वजह है कि क्राइस्ट के छात्र आइवी लीग संस्थाओं की चैखटों को आसानी से पार कर लेते हैं. ग्रेटीट्यूड वीक यानी कृतज्ञता सप्ताह सरीखे आयोजनों में छात्र परिषद स्टाफ के एक-एक सदस्य का अभिनंदन करती है, जिनमें दिन-रात कैंपस की रखवाली करने वाले सुरक्षा गार्ड से लेकर कैंपस को साफ रखने वाले हाउसकीपिंग के सदस्य तक और कॉलेज का सुचारू कामकाज सुनिश्चित करने वाले प्रशासनिक कर्मियों से कक्षा के भीतर और बाहर हमें पढ़ाने-समझाने सदस्य तक शामिल होते हैं.

कहते हैं कि कैंपस में दाखिल होने वाला हरेक छात्र अपना एक हिस्सा यहां छोड़ जाता है और यूनिवर्सिटी का एक हिस्सा अपने साथ दुनिया के सफर पर ले जाता है. मुझे अब भी नहीं पता कि मैं यहां अपनी जिंदगी की कहानी कैसे बयान करूं, पर आज मैं अपने को पूरी तरह सहमत पाता हूं और खुलकर स्वीकार करता हूं कि इस बार जब मैं सेमेस्टर खत्म होने पर वापस अपने परिवार के पास जाऊंगा, मुझे पता नहीं कि तब मैं अपने घर जा रहा होऊंगा या अपना घर छोड़कर जा रहा होऊंगा.

(लेखक क्राइस्ट यूनिवर्सिटी के लाइफ साइंसेज विभाग में छात्र हैं)

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