
मुंबई में रविवार आधी रात से बेस्ट के करीब 36 हज़ार कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. हड़ताल के चलते सड़कों से बेस्ट की बस नदारद रहेंगी, जिससे लोगों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है. मुंबई की लोकल ट्रेन के बाद दूसरी सबसे बड़ी पब्लिक ट्रांसपोर्ट के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से परिवहन सेवा पर बुरा असर पड़ेगा.
महानगर मुंबई में रोजाना करीब 30 लाख यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुचांने वाली बेस्ट के यात्रियों को अब दूसरी ट्रांसपोर्ट सुविधा जैसे ऑटो और टैक्सी का सहारा लेना पड़ेगा. बेस्ट यूनियन के अध्यक्ष की मेयर, बीएमसी कमिश्नर और उद्धव ठाकरे के साथ बैठक भी हुई लेकिन यह बैठक बेनतीजा रही जिसके बाद बेस्ट कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने फैसला लिया.
बेस्ट की हड़ताल में 11 यूनियनों के करीब 36 हज़ार कर्मचारी शामिल हैं. कर्मचारियों के अचानक हड़ताल पर चले जाने से मुंबई के लोगों का पूरा दबाव लोकल ट्रेनों के साथ-साथ ऑटो और टैक्सी पर पड़ेगा. बेस्ट के कर्मचारियों की मुख्य दो मांगे हैं जिनमें, बेस्ट को बीएमसी पूरी तरह से अंडरटेक कर ले और 3 महीने से बकाया सैलरी कर्मचारियों को दी जाना शामिल है. इसके अलावा यूनियन चाहती है कि प्राइवेस बसों को किराए पर लेने की रोक लगाई जाए. बेस्ट यूनियन का आरोप है कि पिछली मीटिंग में बेस्ट के कमिश्नर ने उन्हें आश्वासन दिया था कि हर महीने की 10 तारीख को उन्हें सैलरी मिल जायेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
आपको बता दें कि बेस्ट परिवहन विभाग पिछले कई वर्षों से घाटे में चल रहा है. इसी वजह से तय समय पर कर्मचारियों को उनका वेतन भी नहीं मिल रहा है. बेस्ट को बचाने के लिए परिवहन विभाग की ओर से 1000 करोड़ रुपए की सहायता राशि देने की मांग की गई थी. साथ ही बेस्ट को घाटे से उबारने के लिए बेस्ट और बीएमसी बजट एक साथ पेश किए जाने की मांग लंबे समय से की जा रही है.