Advertisement

भंवरी देवी: सत्ता, सेक्स और शोषण की दास्तां

भंवरी प्रकरण ने यह साबित किया कि नेता एक युवती की महत्वाकांक्षा की कितनी भारी कीमत वसूलते हैं.

भंवरी देवी भंवरी देवी
रोहित परिहार
  • जयपुर,
  • 30 दिसंबर 2011,
  • अपडेटेड 2:18 PM IST

राजस्थान में तो साल 2011 भंवरी देवी के ही नाम रहा. 36 साल की यह नर्स 1 सितंबर को लापता हो गई. अब तक भी उसका सुराग नहीं मिला है. अंदेशा यही जताया जा रहा है कि वह मर चुकी है. उसके प्रकरण ने यह साबित किया कि कांग्रेस के लोग खुद को बचाने के लिए किस हद तक जा सकते हैं. बड़े और रसूखदार समझे जाने वाले नेता किस तरह से एक जवान स्त्री का लंबे अरसे तक शोषण करते रहे. नैतिकता को उठाकर उन्होंने दूर कहीं किसी ताक पर रख दिया था. अगर कुछ नजर आ रहा था तो वह थी एक आपराधिक प्रवृत्ति.

Advertisement

28 दिसम्‍बर 2011: तस्‍वीरों में देखें इंडिया टुडे

उसी महिला ने जब असहज स्थितियां पैदा करनी शुरू कर दीं तो उसे रास्ते से ही हटा दिया गया. पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और मलखान सिंह, दोनों को गिरफ्तार किया जा चुका है. दोनों मौजूदा विधायक हैं. उनकी गिरफ्तारी से पूरा प्रदेश सकते में है. परंपरागत सोच वाले इस राज्‍य में जिन महिलाओं ने बाहर निकलकर तमाम तरह के कामों और नौकरियों में शिरकत करनी शुरू की थी, अब वे असुरक्षित और डरी महसूस कर रही हैं.

21 दिसम्‍बर 2011: तस्‍वीरों में देखें इंडिया टुडे

आजादी के बाद से राजस्थान में नेताओं और अपराधियों के बीच इतनी गहरी साजिश पहले कभी नहीं देखी गई. यहां तक कि पूरे देश में भी इस तरह की मिसालें कम ही हैं. 1995 में दिल्ली में सुशील शर्मा नाम के एक कांग्रेसी नेता ने अपनी पत्नी नैना साहनी को कत्ल करके उसे तंदूर में जला डाला था. इस घटना को लेकर देश भर में उपजे जनता के गुस्से को देखते हुए केंद्र सरकार को नेताओं और अपराधियों के बीच गठजोड़ की पड़ताल करने के लिए एनएन वोहरा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने को मजबूर होना पड़ा था.

Advertisement

14 दिसंबर 2011: तस्‍वीरों में देखें इंडिया टुडे

07 दिसंबर 2011: तस्‍वीरों में देखें इंडिया टुडे

भंवरी देवी का प्रकरण एक तरह से यही बताता है कि हालात बद से बदतर ही हुए हैं. यहां तक कि सिल्क स्मिता को भी सेक्स के रास्ते कॅरियर में ऊपर चढ़ने का रास्ता बनाने पर मार नहीं डाला गया. उसे अपनी मौत मरने के लिए उसके हाल पर छोड़ दिया गया. और राजस्थान में भंवरी को मार डाला जाता है. उसके अनुसूचित जाति का होने की वजह से कोई बहुत बड़ा जनाक्रोश भी नहीं पैदा होता. उसके लापता होने की जांच कर रही सीबीआइ भी अब कमोबेश इस निष्कर्ष तक आ पहुंची है कि वह मारी जा चुकी है.

30 नवंबर 2011: तस्‍वीरों में देखें इंडिया टुडे

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते हैं कि भंवरी देवी जैसे मामलों की वजह से थोड़े ही कैबिनेट में फेरबदल होते हैं लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चंद्रभान स्वीकारते हैं कि इसी वजह से मंत्रियों के सामूहिक इस्तीफे लेकर कुछ को हटाना पड़ा. भंवरी देवी प्रकरण ने कांग्रेस के बदनुमा चेहरे को सामने ला दिया है. महत्वाकांक्षी भंवरी के साथ वैसा ही हुआ, जैसा कि राजनीति फिल्म में श्रुति सेठ के साथ होता है. उसका वीडियो क्लिप उस क्लिप से मिलता-जुलता है, जिसमें मदेरणा और भंवरी एक साथ पाए गए हैं.

Advertisement
23 नवंबर 2011: तस्‍वीरों में देखें इंडिया टुडे

16 नवंबर 2011: तस्‍वीरों में देखें इंडिया टुडे

श्रुति कड़ी मेहनत की दुहाई देती है. भंवरी पहले मुंबई की एक यात्रा और फिर पैसे के लिए आग्रह करती है. इस बीच वह सियासत में भी घुसने की कोशिश जारी रखती है. बिलाड़ा विधानसभा क्षेत्र से टिकट की अर्जी भी लगा देती है. नौकरशाह और पुलिस अफसर भी उसके साथ रंगरेलियां मनाते हैं. इसके बाद ये लोग वही करते हैं, जो मदेरणा और मलखान सिंह उनसे करने को कहते हैं. भंवरी को ड्यूटी पर आने से ही छुट्टी दे दी जाती है.

9 नवंबर 2011: तस्‍वीरों में देखें इंडिया टुडे
2 नवंबर 201: तस्‍वीरों में देखें इंडिया टुडे

उसके कत्ल की साजिश रचने के लिए सरकारी जगहों का खुलकर इस्तेमाल किया गया. जयपुर के सिविल लाइंस के जबरदस्त सुरक्षा वाले इलाके में स्थित मदेरणा के घर में बैठकर आरोपी भगोड़ा सहीराम बिश्नोई फोन पर भंवरी को मारने की पूरी योजना बना रहा था. अपहर्ताओं ने जोधपुर के सर्किट हाउस में बैठकर सारा खाका बनाया और काम को अंजाम देने के बाद वे फिर से वहीं लौट आए.

भंवरी को अगर टिकट मिल गया होता और वह विधायक हो गई होती तब भी क्या मदेरणा की पत्नी लीला यह कहतीं कि यह तो दो वयस्क लोगों के आपसी सहमति से सेक्स करने का मामला है? कांग्रेस के वोटर समुदाय जाट, बिश्नोई और अनुसूचित जाति के वोटों का क्या होता पता नहीं, लेकिन भंवरी ने उसकी चूलें तो हिला ही दी हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement