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भंवरी देवी केस में महिपाल मदेरणा गिरफ्तार

भंवरी देवी के लापता होने के मामले में सीबीआई ने राजस्‍थान के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा को गिरफ्तार कर लिया है.

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aajtak.in
  • जोधपुर,
  • 02 दिसंबर 2011,
  • अपडेटेड 8:42 PM IST

भंवरी देवी के लापता होने के मामले में सीबीआई ने राजस्‍थान के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा को गिरफ्तार कर लिया है.

सीबीआई ने मदेरणा के अलावा परसराम बिश्‍नोई को भी गिरफ्तार किया है. बिश्‍नोई कांग्रेस विधायक मलखान सिंह के भाई हैं. इन गिरफ्तारियों के बाद भंवरी देवी की गुमशुदगी का केस पूरी तरह सुलझ जाने की उम्‍मीद की जा रही है.

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महिपाल मदेरणा अपने पद से पहले ही हटाए जा चुके हैं और कांग्रेस भी उन्‍हें पार्टी से निलंबित कर चुकी है. गौरतलब है कि राजस्‍थान से भंवरी देवी पिछले 1 सितंबर से ही लापता है. सीबीआई इस हाईप्रोफाइल मामले की जांच कर रही है.

सीबीआई ने गिरफ्तारी से पहले तीन अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. सीबीआई सूत्रों ने कहा कि इस मामले में नाम उछलने के बाद 16 अक्तूबर को अशोक गहलोत कैबिनेट से निष्कासित किये गये मदेरणा (59) और विधायक मलखान सिंह के भाई पारसराम बिश्नोई को पूछताछ के बाद शुक्रवार शाम हिरासत में लिया गया.

इससे पूर्व सीबीआई ने अदालत में इस मामले के तीन आरोपियों शहाबुददीन, बलदेव जाट और सोहन लाल के खिलाफ पहला आरोप पत्र दाखिल किया जिसमें उन पर हत्या के इरादे से 36 वर्षीय नर्स का अपहरण करने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया. ये तीनों आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं.

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न्यायाधीश जगदीश ज्ञानी के सामने अपने आरोप पत्र में सीबीआई ने आरोपियों पर हत्या के इरादे से नर्स का अपहरण करने (आईपीसी की धारा 364), आपराधिक साजिश (120 बी) और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम की विभिन्न धाराएं लगाईं. सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में मदेरणा और फरार संदिग्ध सहीराम का नाम भी शामिल किया है.

सीबीआई अब तक एक सितंबर से लापता नर्स को खोज नहीं पाई है. जांच एजेंसी ने इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया क्योंकि तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद आरोप पत्र दाखिल करने की 90 दिन की समयसीमा अगले सप्ताह खत्म होने वाली थी. भंवरी के पति अमर चंद ने आरोप लगाया था कि मदेरणा के इशारे पर उसका अपहरण किया गया था. मदेरणा ने हालांकि इन आरोपों को खारिज किया था.

जोधपुर के बिलारा क्षेत्र से भंवरी के लापता होने के बाद एक सीडी सामने आई थी जिसमें कथित रूप से मदेरणा को भंवरी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया था. अदालत ने सीबीआई को सोहन और शाहबुददीन की आवाज रिकार्ड करने की अनुमति दी ताकि उसे आडियो क्लिप से मिलाया जा सके. सीबीआई ने गुरुवार को एक आवेदन दायर करके वीडियो क्लिप की विश्वसनीयता की जांच करने के लिए अदालत की अनुमति मांगी थी. सीबीआई को अनुमति मिल गई.

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सीबीआई के वकील एसएस यादव ने कहा कि अदालत ने सीबीआई को सात दिसंबर को जेल में दो आरोपियों की आवाज रिकार्ड करने की अनुमति दी. भंवरी के अपहरण के बाद शाहबुददीन फरार हो गया था और उसने 22 अक्तूबर को जोधपुर के मेट्रोपोलियन मजिस्ट्रेट के सामने आत्मसमर्पण किया था.

शहाबुददीन की आपराधिक पृष्ठभूमि रही है और वह मदेरणा परिवार का करीबी रहा है जबकि बलिया उर्फ बलदेव मादक पदार्थों का तस्कर है और शहाबुददीन के लिए काम करता था. उसे छह सितंबर को गिरफ्तार किया गया. सोहन लाल जन स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग विभाग में ठेकेदार के तौर पर काम करता था. भंवरी ने उसके जरिए अपनी कार बेची थी और लापता होने से पहले वह कार के पैसे लेने गई थी.

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