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Bharat Bandh: बंगाल में भिड़े TMC-SFI कार्यकर्ता, कूचबिहार में तोड़ी बस

बुधवार को बर्धमान में भारत बंद के प्रदर्शन के दौरान तृणमूल कांग्रेस और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई. नारेबाजी करते वक्त दोनों गुटों के लोग आमने-सामने आ गए और एक दूसरे से भिड़ पड़े.

बंगाल में भारत बंद के दौरान झड़प बंगाल में भारत बंद के दौरान झड़प
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 1:17 PM IST

  • बंगाल में भारत बंद का व्यापक असर
  • बर्धमान में भिड़े टीएमसी-एसएफआई समर्थक
  • कूचबिहार में बस में की गई तोड़फोड़

ट्रेड यूनियनों के द्वारा बुलाए गए भारत बंद का सबसे ज्यादा असर बंगाल में देखने को मिल रहा है. बुधवार को बर्धमान में भारत बंद के प्रदर्शन के दौरान तृणमूल कांग्रेस और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई. नारेबाजी करते वक्त दोनों गुटों के लोग आमने-सामने आ गए और एक दूसरे से भिड़ पड़े.

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बुधवार को जब बर्धमान में भारत बंद के दौरान मार्च निकाला जा रहा था, तब टीएमसी और एसएफआई के समर्थक आमने-सामने आ गए, इसी दौरान दोनों के बीच झड़प हो गई. वीडियो में देखा जा सकता है कि सड़क के बीच में ही दोनों गुटों के लोग एक दूसरे के साथ हाथापाई कर रहे हैं और बहस कर रहे हैं.

कूच बिहार में बस में हुई तोड़फोड़

बंगाल में ही बुधवार को कूचबिहार में भारत बंद में प्रदर्शन के दौरान विरोध देखने को मिले. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकारी बस में तोड़फोड़ की. बस के शीशे तोड़ दिए गए और बुरी तरह नुकसान पहुंचाया गया. हालांकि, इस दौरान किसी को चोट नहीं आई. बता दें कि इससे पहले सुबह तस्वीर सामने आई थी जहां पर कुछ बस ड्राइवर हेलमेट पहनकर बस चला रहे थे.

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देश के बड़े ट्रेड यूनियन के द्वारा जो बंद बुलाया गया है, उसमें ट्रेड यूनियन के अलावा कई बैंकों और ट्रांसपोर्ट यूनियन का भी साथ मिला है. बंगाल के कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने हाइवे जाम किया और ट्रेन रोक कर अपना विरोध दर्ज कराया.

बता दें कि ट्रेड यूनियन का आरोप है कि भारत सरकार की मौजूदा नीतियां आर्थिक और जनविरोधी हैं, जिससे मजदूरों को नुकसान हो रहा है. यूनियन की मांग है कि भारत सरकार ने नए लेबर कानून में बदलाव करे, कर्मचारियों की पेंशन में बढ़ोतरी की जाए और उनकी अन्य मांगों को माना जाए. इसके अलावा यूनियन विनिवेश का भी विरोध कर रहे हैं. हालांकि, भारत सरकार की ओर से अभी ट्रेड यूनियन की मांगों को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया है.

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