
महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200वीं सालगिरह के दौरान हुई हिंसा के कारण पूरे राज्य में तनाव फैल गया है और विपक्षी पार्टियां सरकार से इस पर जवाब मांग रही हैं. इसी सिलसिले में आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को दिल्ली के महाराष्ट्र सदन के बाहर एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था. इसका उद्देश्य केंद्र की बीजेपी सरकार को घेरना और हिंसा में घायल हुए लोगों और मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिलाना था. पर आम आदमी पार्टी का यह प्रदर्शन एक फ्लॉप शो साबित हुआ.
इसमें मुश्किल से बीस से पच्चीस लोग शामिल हुए. आम आदमी पार्टी इस विरोध प्रदर्शन का प्रचार कई दिनों से कर रही थी और उनके जोश को देखते हुए सुरक्षा के तमाम इंतज़ाम भी किये गए थे, पर उम्मीद से बहुत कम लोग वहां पहुंचने के चलते सुरक्षा बलों को भी राहत मिली.
इस प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी से जुड़ा कोई बड़ा चेहरा नदारद था. केवल राजेन्द्र पाल गौतम ही वहां मौजूद थे, जिन्होंने कम भीड़ इकट्ठा होने पर सफाई दी. उन्होंने कहा, 'हमारे कार्यकर्ता नॉमिनेशन में बिजी हैं और यहां भी बहुत लोग पहुंचे हैं. आम आदमी पार्टी का जनाधार कम नही हुआ है.'
मुश्किल से आधे घंटे चले इस प्रदर्शन में इक्का- दुक्का प्ले कार्ड लेकर पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने सरकार का विरोध करते हुए आरोपियों को जल्द पकड़ने और उन पर कार्रवाई की मांग की और चलते बने.
भीमा कोरेगांव में भड़की हिंसा के खिलाफ पूरे महाराष्ट्र में दलित संगठनों ने बंद का ऐलान किया था. बताया जा रहा है हिंसा भड़कने की असली वजह दलित गणपति महार का समाधि स्थल है, जिसे कथित तौर पर हिंदुत्ववादी संगठन से जुड़े लोगों ने 29 दिसंबर को क्षतिग्रस्त कर दिया था.