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जातीय हिंसा: दिनभर हंगामे के बाद दलित संगठनों ने वापस लिया बंद

संसद में भी ये मामला उठा. लोकसभा में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये फूट डालने की कोशिशों को नतीजा है. श्रद्धांजलि कार्यक्रम को लेकर विवाद दुर्भाग्यपूर्ण है.

मुंबई हिंसा की तस्वीर मुंबई हिंसा की तस्वीर
मयूरेश गणपतये/साहिल जोशी/पंकज खेळकर /मुस्तफा शेख
  • मुंबई/पुणे,
  • 03 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 8:40 PM IST

भीमा-कोरेगांव लड़ाई की सालगिरह पर भड़की चिंगारी पूरे महाराष्ट्र में फैल रही है. हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हुई थी, जिसके बाद पूरे राज्य में धीरे-धीरे हिंसा पुणे के बाद मुंबई तक फैली. राज्य सरकार ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. हिंसा के खिलाफ बुधवार को कई संगठनों ने बंद बुलाया है. संसद में भी ये मामला उठा. लोकसभा में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये फूट डालने की कोशिशों को नतीजा है. श्रद्धांजलि कार्यक्रम को लेकर विवाद दुर्भाग्यपूर्ण है.

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महाराष्ट्र बंद के बीच मुंबई के मशहूर डब्बावालों ने भी अपनी सर्विस को बंद रखा. इसके साथ ही बुधवार को करीब 40000 स्कूल बसों का संचालन भी बंद रहा.

अपडेट्स

04:25 PM: प्रकाश अंबेडकर ने महाराष्ट्र बंद को वापस लेने की घोषणा की. उन्होंने बंद के सफल रहने का दावा किया है.

02:50 PM: महाराष्ट्र बंद का असर अब गुजरात में भी दिखने लगा है. गुजरात के वापी में आज दलित सेना के जरिए हाईवे को जाम किया गया, यहां बीच सड़क पर दलित सेना के लोगों ने टायर जलाए.

01:00 PM: कुछ दिन पहले ही शुरू हुई एसी लोकल ट्रेन की सर्विस को पूरे दिन के लिए बंद कर दिया गया है. अकोला में पत्थरबाजी भी हुई. 

12:02 PM: मुंबई में अभी तक 15 बेस्ट की बसों को नुकसान पहुंचाया गया है.

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11:56 AM: मुंबई में प्रदर्शनकारी जबरदस्ती दुकानों को बंद करवा रहे हैं.

11:54 AM: घाटकोपर मेट्रो स्टेशन पर पहुंचे प्रदर्शनकारी, मेट्रो सर्विस प्रभावित

11:27 AM: ठाणे रेलवे स्टेशन के बाहर RPI अंबेडकर पार्टी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, करीब 500 से ज्यादा लोग मौजूद.  

11:07 AM: NCP नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि भीमा कोरेगांव में जो कुछ हुआ है वह सब सरकार की जिम्मेदारी है सरकार को पता था. उनका कहना है कि वहां पर लाखों लोग जमा हो रहे हैं और उन्हें किस तरह से हैंडल करना है यह सरकार की जिम्मेदारी है जिसमें सरकार विफल रही है हम इस मामले को राज्यसभा में उठाएंगे.

10: 37 AM: मुंबई पुलिस ने ट्रैफिक के लिए एडवाइजरी जारी की, कांडवाली, जोगेश्वरी, विकरोली आदि में ट्रैफिक प्रभावित

10:35 AM: हिंसा को रोकने के लिए राज्य रिजर्व पुलिस फोर्स की 30 कंपनियां तैनात.

10: 27 AM: बुलढाणा में कई जगह बसों में तोड़-फोड़, यातायात ठप. कई जगह धरना-प्रदर्शन जारी. 10:25 AM: अकोला में सरकारी बसें बंद.

10:15 AM: चंद्रपुर के बल्लारपुर में बसों में तोड़-फोड़ की गई.

09:36 AM: औरंगाबाद में इंटरनेट सर्विस रोकी गई.

09:23 AM: पुणे में कई स्कूल बंद हैं. क्लास नहीं चलेंगी हालांकि स्टाफ और टीचर्स को स्कूल आने को कहा गया है.

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09:22 AM: मुंबई पुलिस ने हिंसा मामले में 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया, 100 को हिरासत में लिया.

08:55 AM: पालघर में बस सेवा पूरी तरह से ठप हुई, पालघर रेलवे स्टेशन की कैंटीन भी बंद.

08:49 AM: रेलवे का बयान, ट्रेन को रोकने की कोशिश नाकाम की गई.

08:45 AM: ईस्टर्न एक्सप्रेस-वे पर पुलिस की भारी तैनाती.

08:35 AM: ठाणे के पास प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन रोकी.

08:30 AM: ठाणे इलाके में चार जनवरी की रात तक धारा 144 लागू.

वहीं पुलिस की शुरुआती जांच में हिंसक झड़पों में भगवा झंडा लिए लोगों के शामिल होने की बात कही गई है. वहीं पुलिस के अनुसार विवाद 29 दिसंबर की रात से शुरू हुआ था. हालांकि, आरएसएस समेत अन्य कई संगठनों ने इस हिंसा की कड़ी निंदा की है.

आपको बता दें कि मंगलवार को मुंबई के अलावा, हड़पसर व फुरसुंगी में सरकारी और प्राइवेट बसों पर पथराव किया गया. लगभग 134 महाराष्ट्र परिवहन की बसों को नुकसान पहुंचा है. हिंसा की वजह से औरंगाबाद और अहमदनगर के लिए बस सेवा निरस्त कर दी गई थी. मंगलवार शाम चार बजे के बाद पुणे से अहमदनगर के बीच सभी बस सेवाएं बहाल हो गईं.

साथ ही प्रदर्शन की वजह से मुंबई का ईस्टर्न हाइवे भी कई घंटों तक जाम रहा. डीजीपी गणेश शिंदे ने बताया कि भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के मामले में पुणे के पिंपरी पुलिस स्टेशन में 2 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

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आखिर क्या है भीमा कोरेगांव की लड़ाई

बता दें कि भीमा कोरेगांव की लड़ाई 1 जनवरी 1818 को पुणे स्थित कोरेगांव में भीमा नदी के पास उत्तर-पू्र्व में हुई थी. यह लड़ाई महार और पेशवा सैनिकों के बीच लड़ी गई थी. अंग्रेजों की तरफ 500 लड़ाके, जिनमें 450 महार सैनिक थे और पेशवा बाजीराव द्वितीय के 28,000 पेशवा सैनिक थे, मात्र 500 सैनिकों ने पेशवा की शक्तिशाली 28 हजार मराठा फौज को हरा दिया था.

हर साल नए साल के मौके पर महाराष्ट्र और अन्य जगहों से हजारों की संख्या में पुणे के परने गांव में दलित पहुंचते हैं, यहीं वो जयस्तंभ स्थित है जिसे अंग्रेजों ने उन सैनिकों की याद में बनवाया था, जिन्होंने इस लड़ाई में अपनी जान गंवाई थी. कहा जाता है कि साल 1927 में डॉ. भीमराव अंबेडकर इस मेमोरियल पर पहुंचे थे, जिसके बाद से अंबेडकर में विश्वास रखने वाले इसे प्रेरणा स्त्रोत के तौर पर देखते हैं.

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