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कोरोना के प्रति लोगों को कैसे जागरुक कर रहे भोजपुरी सिंगर प्रमोद कुमार

प्रमोद कुमार अपने भोजपुरी, हिंदी, इंग्लिश मिक्स गानों और कविताओं (बिना संगीत) के जरिए 25 मार्च से देशभर के लोगों के बीच कोरोना को लेकर जागरुकता फैला रहे हैं. हर दिन वे अपने ट्विटर और फेसबुक अकाउंट पर कोरोना पर गाने या कविता लिखते, गाते और रिकॉर्ड करते हैं.

प्रमोद कुमार प्रमोद कुमार
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2020,
  • अपडेटेड 3:58 PM IST

देशभर में कोरोना वायरस की महामारी फैली हुई है. कोरोना के खिलाफ जंग से लड़ने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लोगों को जागरुक करने के लिए तमाम तरह की कोशिशें कर रही हैं. इस बीच भोजपुरी सिंगर, कवि और गीतकार प्रमोद कुमार ने खास पहल की है.

कोरोना के प्रति लोगों को कैसे जागरुक कर रहे प्रमोद कुमार

प्रमोद कुमार अपने भोजपुरी, हिंदी, इंग्लिश मिक्स गानों और कविताओं (बिना संगीत) के जरिए 25 मार्च से देशभर के लोगों के बीच कोरोना को लेकर जागरुकता फैला रहे हैं. अमूमन हर दिन वे अपने ट्विटर और फेसबुक अकाउंट पर कोरोना पर गाने या कविता लिखते, गाते और रिकॉर्ड करते हैं. कोरोना के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने की प्रमोद कुमार की इस पहल को काफी सराहा जा रहा है.

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प्रमोद कुमार के बारे में बताएं तो, वो पिछले 22 सालों से जर्नलिज्म कर रहे हैं. वे खोजी रपटें भी लिखते हैं. प्रमोद कुमार ने कैरेबियन देशों में चलने वाले चटनी म्यूजिक कॉन्सेप्ट में नया एक्सपेरिमेंट किया. बता दें, चटनी म्यूजिक कैरेबियन देशों में लोकप्रिय है. इसमें भोजपुरी के साथ लोकल कैरेबियन म्यूजिक को मिक्स किया जाता है.

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लेकिन प्रमोद कुमार ने नई पहल करते हुए भोजपुरी, इंग्लिश के साथ स्पैनिश को भी मिक्स किया है. ललनटॉप से बातचीत में प्रमोद कुमार ने कहा- भोजपुरी मेरी मातृ भाषा है. मेरी कोशिश है कि भोजपुरी इंडस्ट्री के लिए कुछ कर सकूं. पहले मैंने काफी रिसर्च कर लिखना शुरू किया. जो भी मैंने लिखा उसे मैंने गाना नहीं ताना बाना कहा. मेरा दावा है कि आज भारत से बाहर भारतीयता जिंदा है तो वो भोजपुरी संगीत और भाषा की वजह से है.

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