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मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला परिसर में बसंत पंचमी के मौके पर पूजा और नमाज को लेकर चल रहे विवाद के बीच शुक्रवार को भीड़ और पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई. पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े, जबकि भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया.
भोजशाला को हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिम समाज भी अपना आराध्य स्थल मानता है. यह स्थल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन है. एएसआई ने शुक्रवार को बसंत पंचमी होने के कारण 14 और 15 फरवरी को यहां दोपहर 12.30 बजे तक पूजा करने की अनुमति दी थी, जबकि दोपहर एक बजे से तीन बजे तक जुमे की नमाज अदा करने की अनुमति दी थी. जिसका हिंदुवादी संगठनों- भोजशाला आयोजन समिति व हिंदू जागरण मंच ने विरोध किया.
इन संगठनों ने एएसआई के निर्देश का विरोध करते हुए बसंत पंचमी को पूरे दिन पूजा करने का ऐलान कर दिया. पूजा और नमाज को लेकर विवाद न हो, इसके लिए प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिए.
इसके बाद दोनों संगठनों ने प्रशासन के रवैये का इसका विरोध करते हुए पूजा न करने का ऐलान कर दिया, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग परिसर के बाहर जमा हो गए. हालांकि आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने परिसर के भीतर जाकर पूजा-अर्चना भी की.
प्रशासन ने दोपहर एक बजे नमाजियों को अंदर ले जाने की रणनीति बनाई, तभी कुछ लोगों ने पूजा के लिए भोजशाला परिसर में घुसने की कोशिश की. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने इस पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैसे के गोले छोड़े. जवाब में भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया, जिससे हालात तनावपूर्ण बन गए हैं.
उधर, प्रशासन ने धार की सभी सीमाएं सील कर दी है. काशी सुमेरुपीठ के शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने भी गुरुवार को इंदौर में ऐलान किया था कि वह भोजशाला आयोजन समिति व हिंदू जागरण मंच के समर्थन में भोजशाला पहुंचेंगे.
प्रशासन ने तनाव कम करने के लिए उन्हें इंदौर में ही रोक दिया लेकिन शुक्रवार सुबह शंकराचार्य के समर्थकों के उग्र तेवरों को देखते हुए प्रशासन ने उन्हें भारी सुरक्षा के बीच भोजशाला की ओर जाने की अनुमति दे दी. धार में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती है और वह विरोध करने वालों पर नजर बनाए हुए है.