
भोपाल जेल ब्रेक और एनकाउंटर में 8 आतंकियों के मारे जाने के बाद SIMI यानी स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया एक बार फिर चर्चा में है. देश में इससे पहले कई आतंकी वारदातों में भी इस सगंठन के लोगों का हाथ होने की बात सामने आई है. एक ऐसा संगठन जिसे लेकर इस देश में सियासत भी खूब होती रही है.
क्या है SIMI?
कट्टरपंथी छात्रों के संगठन सिमी का गठन 1977 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था. इसके संस्थापक प्रेसिडेंट मोहम्मद अहमदुल्ला सिद्दिकी यूएस की वेस्टर्न इलिनोइस यूनिवर्सिटी में जर्नलिज्म और पब्लिक रिलेशंस के प्रोफेसर रहे हैं. हालांकि सिद्दिकी का कहना है कि उनका सिमी से अब कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि संगठन पर अब रेडिकल लोगों का कब्जा हो गया है.
सिमी का मकसद भारत में हावी हो रही पश्चिमी संस्कृति को खत्म कर इसे एक इस्लामिक राष्ट्र बनाना है. अमेरिका में 9/11 के हमले के बाद सिमी पर 2001 में पोटा के तहत पाबंदी लगा दी गई थी. हालांकि यूपीए की सरकार ने पोटा को खत्म कर दिया था लेकिन सिमी पर पाबंदी बरकरार है. केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सरकारों के अनुरोध पर सिमी पर पाबंदी लगाई थी. संगठन पर इन राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के आरोप लगे.
पुलिस जांचों में खुलासा हुआ था कि 2001 में पुणे और कानपुर में हुए सांप्रदायिक दंगों और स्वतंत्रता दिवस पर साबरमती एक्सप्रेस में हुए बम धमाके में सिमी के लोगों का हाथ था. इन घटनाओं के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने सिमी के नौ सदस्यों को गिरफ्तार किया जो मई 2001 में नागपुर में आरएसएस और वीएचपी दफ्तरों को निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे.
पुलिस का कहना है कि सिमी के लोगों के पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल में जमात-ए-इस्लाम और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से लिंक हैं. पुलिस यह भी कहती है कि सिमी का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से कनेक्शन है. बताया जाता है कि सिमी के सदस्यों का पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी गुटों से संबंध हैं.
सिमी के लोगों की उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और असम में कई विश्वविद्यालयों में अच्छी पकड़ है. प्रतिबंधित संगठन की उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, कानपुर, रामपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, लखनऊ और आजमगढ़ शहरों में स्थानीय लोगों का समर्थन भी हासिल होना बताया जाता है. ऐसा भी कहा जाता है कि 2002 में गुजरात में हुए दंगों को सिमी के लोगों ने भी भड़काया था.
इस वक्त कौन है सिमी का मुखिया?
सिमी का महासचिव सफदर नागोरी इस वक्त संगठन का मुखिया है. सिमी पर 2001 में जब पोटा के तहत पाबंदी लगाई गई तो दिल्ली पुलिस ने नागोरी को दिल्ली के जाकिर नगर इलाके से गिरफ्तार कर लिया. नागोरी उस वक्त से जेल में है. उसके खिलाफ देशद्रोह और उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे फैलाने के आरोप हैं. पुलिस कहती है कि सिमी के लोग अंडरग्राउंड हो गए हैं और अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं.
कौन हैं मारे गए आतंकी?
भोपाल के बाहरी इलाके में सोमवार सुबह मारे गए सिमी के 8 सदस्यों में पांच ऐसे थे जो इससे पहले भी मध्य प्रदेश की खंडवा जेल से भाग गए थे. लेकिन बाद में इन्हें पकड़कर भोपाल जेल में बंद किया गया था.
ये हैं मारे गए आतंकी
1. अब्दुल माजिद, पिता का नाम- मोहम्मद यूसुफ, पता- शोलापुर, महाराष्ट्र
2. मोहम्मद खालिद अहमद, पिता का नाम- मोहम्मद सलीम, पता- 460, विजय नगर, शोलापुर, महाराष्ट्र
3. मुजीब शेख उर्फ अकरम उर्फ वसीम उर्फ नावेद. पिता का नाम- जमील अहमद, पता: ए/28, जाकिर पार्क जुहापुरा, अहमदाबाद, गुजरात
4. जाकिर हुसैन सादिक उर्फ विकी डॉन उर्फ विनय कुमार, पिता का नाम- बदरुल हुसैन, पता- खंडवा, मध्य प्रदेश
5. महबूब गुड्डू, पिता का नाम- इस्माइल, पता- खंडवा, मध्य प्रदेश
6. अमजद, पिता का नाम- रमजान खान, पता- खंडवा, मध्य प्रदेश
7. मोहम्मद सलीक उर्फ सल्लू, पिता का नाम- दिवंगत अब्दुल हकीम, पता- खंडवा, मध्य प्रदेश
8. मोहम्मद अकील खिलजी, पता- खंडवा, मध्य प्रदेश