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बीएचयू में प्रोफेसर फिरोज की नियुकि पर AMU के संस्कृत डिपार्टमेंट के चेयरमैन ने कहा उनकी नियुक्ति के समय चूक हुई है. अब उनसे कर्मकांड नहीं पढ़वाया जाए.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्कृत डिपार्टमेंट के चेयरमैन ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के संस्कृत विभाग में हुई फ़िरोज़ ख़ान की नियुक्ति को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि कहीं न कही उनकी नियुक्ति के समय बीएचयू चयन समिति से एक चूक हुई है. इसमें कोई शक नहीं है कि फ़िरोज़ खान की नियुक्ति बहुत ही साफ़ ढंग से की गई है. उसमें कोई संदेह नहीं है. उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म के शिक्षक को ही कर्मकांड पढ़ाना चाहिए.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्कृत विभाग में डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर चल रहे विवाद मामले में एएमयू के संस्कृत विभागाध्यक्ष का बयान आया है. एएमयू संस्कृत विभाग के अध्यक्ष भी मानते हैं कि डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति में चयन समिति से अनजाने में चूक हुई है. डॉ. फिरोज को कर्मकांड के बदले दूसरा पेपर पढ़ाने की जिम्मेदारी देकर विवाद को टाला जा सकता है.
एएमयू के संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रो. मोहम्मद शरीफ ने कहा कि चयन समिति में 12 लोग शामिल हुए थे, जिसमें से डॉ. फिरोज खान का चयन किया गया. बीएचयू के वीसी एवं चयन समिति से एक चूक हो गई. BHU में धर्म संकाय विभाग में शिलापट्ट पर लिखा हुआ है कि कर्मकांड सिर्फ हिंदू धर्म के शिक्षक पढ़ाएंगे. चयन के पूर्व बीएचयू के रेगूलेशन आदि को भी देखना चाहिए. प्रो. शरीफ का कहना है कि उनकी व्यक्तिगत राय भी है कि कर्मकांड पढ़ाने के लिए उसी धर्म का व्यक्ति होना चाहिए.
संस्कृत विभाग के 9 शिक्षकों में 7 गैर-मुस्लिम
एएमयू के संस्कृत विभाग में कुल 9 शिक्षक है, जिसमें 2 मुसलमान और शेष 7 शिक्षक गैर मुसलमान हैं. विभागाध्यक्ष का कहना है कि यहां धर्म के नाम पर कोई भेदभाव नहीं है. करीब 25 शोध छात्र हैं, जिसमें अधिकतर गैर मुस्लिम हैं. प्रो. शरीफ ने कहा कि वह स्वयं गीता, रामायण, महाभारत और पाली आदि पढ़ाते हैं.