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ओलंपिकः सबसे बड़े भारतीय दल से रियो में रिकॉर्ड तोड़ पदक की उम्मीद

रियो में खेलों के महाकुंभ ओलंपिक खेलों के शुभारंभ का वक्त आ गया है. भारत इस बार अपने सबसे बड़े दल के साथ दुनिया के इस सबसे बड़े खेल प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहा है. डोप स्कैंडल से भले ही टीम के उत्साह में कुछ कमी आई हो लेकिन खेलों के इस महासमर में भारत की नजरें ऐतिहासिक प्रदर्शन पर टिकी हैं.

रियो में पांच से 21 अगस्त तक  हो रहा है ओलंपिक खेलों का आयोजन रियो में पांच से 21 अगस्त तक हो रहा है ओलंपिक खेलों का आयोजन
अभिजीत श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 8:25 AM IST

रियो में खेलों के महाकुंभ ओलंपिक खेलों के शुभारंभ का वक्त आ गया है. भारत इस बार अपने सबसे बड़े दल के साथ दुनिया के इस सबसे बड़े खेल प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहा है. डोप स्कैंडल से भले ही टीम के उत्साह में कुछ कमी आई हो लेकिन खेलों के इस महासमर में भारत की नजरें ऐतिहासिक प्रदर्शन पर टिकी हैं.

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उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हो रहे 31वें और दक्षिण अमेरिका के पहले ओलंपिक में पदकों की संख्या में इजाफा करने भारत का 118 सदस्यीय दल यहां पहुंचा है जो पदकों की संख्या दोहरे अंकों तक पहुंचाने की फिराक में होगा. फर्राटा धावक धरमवीर सिंह और शॉटपुट खिलाड़ी इंदरजीत सिंह को डोप टेस्ट में नाकाम रहने के बाद भारत में ही रूकने के लिए कहा गया है. इससे पहले पहलवान नरसिंह यादव को जब से दोहरे ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार पर तरजीह देकर चुना गया, विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे थे. वह डोप टेस्ट में नाकाम रहा लेकिन बाद में नाडा को उसकी दलील पर यकीन हो गया कि उसके खिलाफ साजिश की गई है. ओलंपिक से पहले तमाम विवादों के बावजूद भारतीय खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन से इनकार नहीं किया जा सकता जिन्होंने मेडल की उम्मीद बढ़ाई है.

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पहले दिन शूटर जीतू राय पर नजर
शनिवार को प्रतिस्पर्धा के पहले दिन भारत को निशानेबाज जीतू राय से पदक की उम्मीद होगी जो जबर्दस्त फार्म में चल रहे हैं. जीतू आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में 50 मीटर एयर पिस्टल चैम्पियन हैं. फिलहाल 50 मीटर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल की विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर काबिज जीतू ने वर्ल्ड कप में दो गोल्ड, तीन सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता है. इसके अलावा एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडल भी वह जीत चुके हैं. जीतू इन दोनों स्पर्धाओं में भाग ले रहे हैं और पदक के प्रबल दावेदार हैं. वहीं अपना पांचवां और आखिरी ओलंपिक खेल रहे अभिनव बिंद्रा उद्घाटन समारोह में भारत के ध्वजवाहक होंगे. उनका इरादा निशानेबाजी से बेहतरीन प्रदर्शन के साथ विदा लेने का होगा. लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता गगन नारंग भी तीन स्पर्धाओं में भाग लेंगे जिनका यह चौथा ओलंपिक है. हीना सिद्धू, अयोनिका पाल और अपूर्वी चंदेला महिला वर्ग में दावेदारी पेश करेंगी.

कुश्ती में कौन दिलाएगा पदक?
कुश्ती में भी भारत को पदक की उम्मीदें हैं. देखना यह है कि नरसिंह तमाम विवादों को भुलाकर 74 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में उम्दा प्रदर्शन कर पाते हैं या नहीं. लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त (65 किलो फ्रीस्टाइल) भी पदक उम्मीदों में से एक हैं. आठ सदस्यीय दल सभी तीनों प्रारुपों पुरुष फ्रीस्टाइल, महिला कुश्ती और ग्रीको रोमन में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा. लंदन में गीता फोगाट ओलंपिक खेलने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थी. इस बार विनेश (48 किलो) और बबीता कुमारी (53 किलो) के अलावा साक्षी मलिक (58 किलो) भी रिंग में उतरेंगी. विनेश ने ओलंपिक क्वालीफिकेशन हासिल करने की राह में 2014 की वर्ल्ड चैंपियनशिप सिल्वर मेडलिस्ट इवोना मैत्कोवस्का को हराया था.

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बॉक्सिंग रिंग में तीन इंडियन
मुक्केबाजी रिंग में तीन भारतीय नजर आएंगे जबकि लंदन में आठ सदस्यीय दल उतरा था. इनमें से शिवा थापा (56 किलो) और विकास कृष्णन (75 किलो) से पदक की उम्मीद होगी जो वर्ल्डचैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं और वर्ल्ड रैंकिंग में छठे स्थान पर हैं. मनोज कुमार (64 किलो) भी छिपे रूस्तम साबित हो सकते हैं. चार साल पहले अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर सके भारतीय तीरंदाज 15 दिन पहले यहां पहुंच गए थे और महिलाओं की टीम स्पर्धा में इनसे मेडल की उम्मीद है. तीसरी बार ओलंपिक खेल रही एल बोंबायला देवी, दुनिया की पूर्व नंबर एक तीरंदाज दीपिका कुमारी और लक्ष्मीरानी मांझी को पदक जीतने के लिए कोरियाई, मैक्सिको और इटली की टीम से कड़ी चुनौती मिलेगी.

टेनिस में सानिया, पेस, बोपन्ना मैदान में
टेनिस में भी रियो तक का सफर विवादों से अछूता नहीं रहा. रोहन बोपन्ना ने लिएंडर पेस जैसे सीनियर खिलाड़ी की बजाय निचली रैंकिंग वाले साकेत माइनेनी को चुना लेकिन एआईटीए के दखल के बाद हालात संभले. अटलांटा ओलंपिक के ब्रॉन्ज मेडल विजेता पेस रिकॉर्ड सातवां ओलंपिक खेल रहे हैं और दूसरा पदक लेकर खेलों के महाकुंभ से विदा लेना चाहेंगे. मिश्रित युगल में बोपन्ना और सानिया मिर्जा पदक के दावेदार हैं.

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बैडमिंटन में साइना, सिंधू पर दारोमदार
बैडमिंटन में लंदन ओलंपिक की ब्रॉन्ज मेडल विजेता साइना नेहवाल और प्रतिभाशाली पी वी सिंधू से पदक की उम्मीद होगी. साइना ने लंदन में सिंगल्स का ब्रॉन्ज जीता था जब उनकी चीनी विरोधी शिन वांग चोट के कारण बाहर हो गई. इस बार उसे स्पेन की कैरोलिना मारिन, चीनी ताइपै की तेइ झू यिंग और चीन की लि शुरूइ से पार पाना होगा.

जिम्नास्टिक में दीपा से मेडल की पूरी आस
जिम्नास्टिक में 22 बरस की दीपा कर्माकर ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनी. उसे पदक जीतने की पूरी उम्मीद है.

कई सालों बाद हॉकी में पदक की उम्मीद
भारतीय महिला हाकी टीम ने 36 बरस बाद ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया है. पी आर श्रीजेश की अगुवाई वाली पुरूष हाकी टीम के कोच रोलेंट ओल्टमेंस को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है और पहला लक्ष्य अंतिम आठ में पहुंचना होगा. भारत को अर्जेंटीना, कनाडा, जर्मनी, आयरलैंड और नीदरलैंड के ग्रुप में रखा गया है और ड्रॉ में वह एशिया से अकेली टीम है.

गोल्फ में लाहिड़ी और अदिति लेंगी लोहा
गोल्फ 112 साल बाद ओलंपिक में लौटा है और भारत के अनिर्बान लाहिड़ी, एसएसपी चौरसिया तथा 18 बरस की अदिति अशोक इसमें भाग ले रही है.

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एथलेटिक्स में सबसे बड़ा दल
एथलेटिक्स में भारत का सबसे बड़ा दल उतरा है लेकिन पदक की उम्मीदें करना बेमानी होगा. पिछले पांच दशक में मिल्खा सिंह, पीटी उषा और अंजू बाबी जार्ज को छोड़कर कोई भारतीय एथलीट पदक के करीब भी नहीं पहुंचा. इस बार भी देखना यह है कि कौन सेमीफाइनल या फाइनल में पहुंचता है.

अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहेंगे ये खिलाड़ी
फोकस चक्काफेंक खिलाड़ी विकास गौड़ा पर होगा जिनका यह तीसरा ओलंपिक है. केरल के ट्रिपल जंप खिलाड़ी रंजीत महेश्वरी ने भी हाल ही में अच्छा प्रदर्शन किया है जबकि स्टीपलचेस में ललिता बाबर, सुधा सिंह और ओ पी जैशा से उम्मीद होगी. दुती चंद आईएएएफ के खिलाफ ऐतिहासिक लिंगभेद का मामला जीतकर लौटी है और 36 साल में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला फर्राटा धावक है.

भारत जूडो, नौकायन, तैराकी, टेबल टेनिस और भारोत्तोलन में भी भाग लेगा. भारत ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में तीन और लंदन में छह पदक जीते थे और उम्मीद की जा रही है कि सबसे बड़े दल के साथ इस बार रियों में पदकों की संख्या में खासा इजाफा होगा.

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