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देश में 92% जबकि बिहार में केवल 67% ग्रामीण क्षेत्र ही खुले में शौच से मुक्त

बिहार के केवल 67% ग्रामीण क्षेत्रों में ही शौचालय बने हैं इसलिए सुशील मोदी ने बिहार के सभी नागरिकों से अपील की है कि 15 सितंबर से 02 अक्टूबर, 2018 तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान से जुड़ें.

सुशील मोदी (फाइल फोटो) सुशील मोदी (फाइल फोटो)
परमीता शर्मा/सुजीत झा
  • पटना,
  • 13 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 8:05 PM IST

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य के पांच जिले अब तक खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं, लेकिन अभी तक बिहार के केवल 67% ग्रामीण क्षेत्रों में ही शौचालय बने हैं इसलिए उन्होंने बिहार के सभी नागरिकों से अपील की है कि 15 सितंबर से 02 अक्टूबर, 2018 तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान से जुड़ें.

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15 सितंबर को सुबह 9.30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अभियान की शुरुआत करेंगे और देश की अनेक नामी-गिरामी हस्तियां अमिताभ बच्चन, श्री श्री रविशंकर, रतन टाटा, अक्षय कुमार, अनुष्का शर्मा, सचिन तेंदुलकर, पी.वी सिंधु और साइना नेहवाल आदि इस अभियान का हिस्सा बनेंगे.

सुशील मोदी ने पटना में बयान जारी कर कहा कि सभी पंचायत व जन प्रतिनिधियों से अपील है कि बिहार के सभी प्रखंडों, पंचायतों व गांवों में 15 सितंबर की सुबह 9.30 बजे प्रधानमंत्री का भाषण सुनने के बाद 10.30 बजे से एक घंटा श्रमदान करें . इस दौरान अपने-अपने गांवों और घरों की साफ-सफाई करें, शौचालय निर्माण में सहयोग करें और इस अभियान से जुड़ने के लिए दूसरों को भी प्रेरित करें ताकि एक साल बाद 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर हम पूरे प्रदेश को स्वच्छ व हर घर में शौचालय बनाने में सफल हो सकें.

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ये पांच जिले हैं खुले में शौच से मुक्त

बिहार में अभी तक पांच जिले रोहतास, सीतामढ़ी, शेखपुरा, मुंगेर और नालंदा खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं. नवादा, बेगूसराय, पूर्वी चंपारण और बक्सर जिलों में 72 से 78% वहीं शिवहर में 98% घरों में शौचालय का निर्माण हो चुका है. प्रदेश के 67% ग्रामीण क्षेत्रों में  शौचालय बन चुका है.

स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) के अंतर्गत देश के अब तक 92% ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में 8.4 करोड़ शौचालयों के निर्माण के साथ ही 19 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के 4.4 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं.

‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों की सामूहिक सफाई, कूड़ा संग्रहण, कूड़े का निपटान, शौचालय के लिए गड्ढों की खुदाई, घर-घर स्वच्छता की बैठकें, गांवों व स्कूलों में रैलियों का आयोजन, वॉल पेंटिंग, नुक्कड़ नाटक, लोकगीत व नृत्य का आयोजन कर स्वच्छता का माहौल बनाएं ताकि सम्पूर्ण स्वच्छता के लक्ष्य को अगले एक साल में हासिल कर सकें.

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