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बिहार में गठबंधन की गांठ से नरम पड़े RJD के तेवर, सुशील मोदी बोले- 'NDA में वापस नहीं आएंगे नीतीश'

बिहार में जनता दल यू और आरजेडी के गठबंधन की गांठ बढ़ती जा रही है. हालांकि कांग्रेस और नीतीश कुमार की हमजोली की खबर से आरजेडी में खलबली जरूर मची है.

Lalu Nitish Lalu Nitish
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2015,
  • अपडेटेड 11:21 PM IST

बिहार में जनता दल यू और आरजेडी के गठबंधन की गांठ बढ़ती जा रही है. हालांकि कांग्रेस और नीतीश कुमार की हमजोली की खबर से आरजेडी में खलबली जरूर मची है.

अब तक गठबंधन पर जमकर बोलने वाले आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह के बोल भी अब मंद पड़ गए हैं. अब वो कांग्रेस से मध्यस्थता की बात कर रहें है, दूसरी तरफ जेडीयू किसी कीमत पर नीतीश कुमार की अगुवाई में चुनाव लड़ने पर अडिग है. ऐसे में गठबंधन होना मुमकिन नहीं दिख रहा.

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नेतृत्व को लेकर है लड़ाई
जेडीयू और आरजेडी के बीच गठबंधन को लेकर संशय अब भी बरकरार है. गठबंधन को लेकर उठ रहे सवालों में सबसे अहम है कि चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाए और कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़े. कई दौर की बातचीत के बाद भी इस पर सहमति नहीं बन पाई है. आरजेडी नीतीश कुमार की अगुवाई में चुनाव नहीं लड़ना चाहती. उसका कहना है कि गठबंधन के बाद नेता का चुनाव हो. लेकिन जेडीयू नीतीश को प्रस्तावित गठबंधन का नेता बनाने पर अड़ा हुआ है.

आरजेडी की तरफ से  2014 के लोकसभा चुनाव के आधार पर विधानसभा सीटों की बंटवारे की बात उठाई जा रही है. जबकि 2010 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू को 115 सीटें मिली थी और आरजेडी को 22 सीटें. अब इसमें बीच का रास्ता कैसे निकले इस पर मंथन चल रहा है.

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आरजेडी के लिए चिंता की बात
हालांकि आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह के तेवर अब नरम पड़ गए हैं. वह कांग्रेस से मध्यस्थता करने की बात कहने लगे हैं. साथ ही यह भी कह रहे हैं कि नेतृत्व का फैसला गठबंधन के नेता मिल बैठ कर करेंगे. बहरहाल विलय की नाकामी के बाद गठबंधन की गांठ अब बड़ी होती जा रही है. हालांकि कांग्रेस के साथ गठबंधन का रास्ता साफ होने के बाद जेडीयू के नेता अब राहत महसूस कर रहे हैं. चिंता की बारी अब आरजेडी के लिए है क्योंकि इस चुनाव में पार्टी का भविष्य भी दांव पर है.

गीता की सौगंध, नीतीश नहीं हैं NDA में: सुशील मोदी
उधर नीतीश और लालू के गठबंधन बनाने के प्रयास पर तंज कसते हुए बीजेपी ने कहा कि दोनों नेता ‘एक-दूसरे को धोखा देने’ की कोशिश कर रहे हैं और उनका साथ आना सिर्फ बीजेपी को लेकर उनका डर है. बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वह गीता की सौगंध खाते हुए कहा कि नीतीश कुमार की जगह एनडीए में नहीं है. उन्होंने कहा कि नीतीश के एनडीए में लौटने की खबरें अफवाहें थीं और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह तक इन खबरों का खंडन कर चुके हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसी अफवाहें जेडीयू ने फैलाई थीं ताकि सीट शेयर करने को लेकर आरजेडी और कांग्रेस को ब्लैकमेल किया जा सके.

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