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RJD बोली वर्चुअल रैली पर लगे रोक, BJP का जवाब- कोरोना विस्फोट चाहते हैं तेजस्वी

बिहार के विपक्षी दलों का आरोप है कि बीजेपी और जदयू जैसी पार्टियां जिनके पास पैसा और संसाधन हैं, उनको वर्चुअल रैलियों के जरिए फायदा पहुंच रहा है और इस पर रोक लगनी चाहिए.

गृह मंत्री अमित शाह लगातार वर्चुअल रैलियां कर रहे हैं (फोटो-पीटीआई) गृह मंत्री अमित शाह लगातार वर्चुअल रैलियां कर रहे हैं (फोटो-पीटीआई)
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 02 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 2:04 PM IST

  • वर्चुअल रैली पर रोक की मांग
  • चुनाव आयोग से मिले विपक्षी नेता
  • अमीर दलों के लिए है वर्चुअल रैली
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी, जेडीयू और लोजपा ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. तीनों पार्टियां लगातार पिछले एक महीने से वर्चुअल रैलियों के जरिए अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ संवाद और प्रचार प्रसार कर रही है.

बीजेपी, जेडीयू और लोजपा के इन्हीं वर्चुअल रैलियों पर अब बिहार के तमाम विपक्षी दलों ने सवाल खड़े करते हुए इस पर चुनाव आयोग से तुरंत रोक लगाने की मांग उठाई है.

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वर्चुअल रैली पर रोक की मांग

मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल समेत अन्य विपक्षी पार्टियां जैसे हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, विकासशील इंसान पार्टी, सीपीआई, एनसीपी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने चुनाव आयोग से मांग की है कि वह बिहार चुनाव में सभी दलों को बराबरी का मौका देने के उद्देश्य से वर्चुअल रैलियों पर तुरंत रोक लगाए.

बता दें कि बीजेपी ने पिछले 1 महीने में बिहार में 39 वर्चुअल रैलियों का आयोजन किया है और 243 और ऐसे ही रैलियां करने का कार्यक्रम है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पिछले महीने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपनी पार्टी के सभी जिला अध्यक्षों और कार्यकर्ताओं के साथ 7 जून से 12 जून के बीच वर्चुअल कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया. लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान भी अब तक तकरीबन 6 से 7 बार ऐसी ही वर्चुअल बैठक अपने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ कर चुके हैं.

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अमीर पार्टियों के लिए है वर्चुअल रैलियां

विपक्षी दलों का आरोप है कि बीजेपी और जदयू जैसी पार्टियां जिनके पास पैसा और संसाधन हैं उनको वर्चुअल रैलियों के जरिए फायदा पहुंच रहा है और इस पर रोक लगाई जानी चाहिए.

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हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि “वर्चुअल रैलियां उन पार्टियों के लिए फायदेमंद है जिनके पास अपार पैसा और संसाधन है और कारपोरेट जगत से मोटा चंदा प्राप्त करते हैं. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा छोटी पार्टी है और गरीबों के पैसे पर ही पार्टी चलती है. ऐसे में चुनाव आयोग की यह जिम्मेदारी है कि चुनाव में सभी पार्टियों को बराबरी का मौका दें और वर्चुअल रैलियों पर रोक लगाए."

क्या कोरोना विस्फोट चाहता है विपक्ष

बीजेपी ने विपक्षी पार्टियों के वर्चुअल रैलियों पर रोक लगाने की मांग पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि क्या परंपरागत और बड़ी रैलियां करवा कर विपक्ष बिहार में करोना विस्फोट कराना चाहता है? आरजेडी पर हमला करते हुए बीजेपी ने सवाल पूछा कि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव अपने सोशल मीडिया का इस्तेमाल क्या केवल लोगों को गालियां देने के लिए ही करेंगे ?

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बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, “वर्चुअल रैलियां लोगों से जुड़ने का सबसे सस्ता और सुलभ तरीका है. करोना कॉल में वर्चुअल रैलियों की बड़ी जरूरत भी है. आरजेडी और अन्य विपक्षी दल जो वर्चुअल रैलियों का विरोध कर रहे हैं क्या वह चुनाव से पहले प्रदेश में करोना विस्फोट कराना चाहते हैं? तेजस्वी यादव भी सोशल मीडिया पर लोगों से संवाद करते हैं. क्या वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल केवल लोगों को गालियां देने के लिए करना चाहते हैं ? ऐसा है तो तेजस्वी को अपने सभी सोशल मीडिया प्रोफाइल को बंद कर देना चाहिए”

'तेजस्वी ने हार मान ली'

जेडीयू ने भी तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए सवाल पूछा कि क्या वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल केवल नेताओं को गाली देने के लिए करेंगे? जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, “तेजस्वी यादव को एहसास हो चुका है कि जनता के बीच में उनकी साख खत्म हो चुकी है और उनके पास लोगों से संवाद करने के लिए कोई मुद्दा नहीं है इसीलिए वह वर्चुअल रैलियों का विरोध कर रहे हैं. तेजस्वी यादव ने अपनी हार पहले ही स्वीकार कर ली है."

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