
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत दो दिवसीय बिहार के दौरे पर हैं. अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान मोहन भागवत आज दरभंगा में थे जहां पर उन्होंने स्वामी विवेकानंद कैंसर अस्पताल का उद्घाटन किया. हालांकि, आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मोहन भागवत के इस दौरे में बड़ी राजनीति आहत नजर आ रही है.
ट्विटर के जरिए तेजस्वी यादव ने कहा है कि मोहन भागवत का बिहार दौरा दरअसल यह जांच पड़ताल करने के लिए है कि क्या भाजपा को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के साथ मिलकर लड़ना चाहिए या नहीं ? तेजस्वी यादव ने कहा कि मोहन भागवत के इस दौरे के दौरान इस बात की भी समीक्षा की जा रही है कि बिहार में अगला विधानसभा चुनाव कब कराया जाए ?
तेजस्वी यादव ने कहा कि कुछ दिन पहले भाजपा के बिहार प्रभारी भी बिहार प्रवास पर आए थे और अब मोहन भागवत के बिहार दौरे पर आने से इस बात के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि राज्य में दिसंबर 2018 तक लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव करा दिए जाएंगे.
वहीं दूसरी तरफ, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जयंती के मौके पर ट्विटर के जरिए तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार से मांग की है कि अगर नीतीश कुमार आरक्षण के पक्षधर है तो उन्हें बिहार में अपने पिछले 13 साल के कार्यकाल में हुए लाखों रिक्तियों के बैकलॉग को तुरंत भरना चाहिए. नीतीश पर तंज कसते हुए तेजस्वी ने कहा कि उन्हें जुबानी पकौड़े नहीं उतारने चाहिए बल्कि काम करना चाहिए.
जिस तरीके से भाजपा और जदयू इस बात का दावा करती है कि केंद्र और राज्य में एक ही सरकार होना डबल इंजन होने की तरह है जिससे कि राज्य के विकास में तेजी आएगी, इसको लेकर तेजस्वी ने कहा कि बिहार में डबल इंजन वाले ढोंगियों की सरकार इस वक्त चल रही है. भाजपा पर हमला करते हुए तेजस्वी ने कहा कि एक समय कर्पूरी ठाकुर को गाली देने वाले लोग आज उनकी जयंती मनाने का अभिनय कर रहे हैं.
तेजस्वी ने कहा कि अगर भाजपा अति पिछड़ों की सच्ची हितैषी है तो कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की आरजेडी की पुरानी मांग को उन्हें पूरा करना चाहिए अन्यथा भाजपा को कर्पूरी ठाकुर के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाना बंद करना चाहिए.
कर्पूरी ठाकुर जयंती के मौके पर तेजस्वी ने नीतीश सरकार से यह भी मांग की की 10 करोड़ तक की सरकारी ठेकों में पिछड़ों, अति पिछड़ों और महादलितों के लिए 70% आरक्षण की घोषणा की जानी चाहिए.