
वर्चुअल रैली के विरोध में एलजेपी और आरजेडी
बिहार में चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं. इस बीच कई दल वर्चुअल रैली के विरोध में उतर आए हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि इन दलों में एनडीए के घटक दल भी शामिल हैं.
जिन दलों ने वर्चुअल रैली का विरोध किया है, उनमें राष्ट्रीय जनता दल (RJD), लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) और सीपीआई (एम) शामिल हैं. इन दलों ने निर्वाचन आयोग में बिहार चुनाव को लेकर अपना जवाब दाखिल करते हुए विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए वर्चुअल रैली का विरोध किया है. बता दें, एलजेपी केंद्र और बिहार में एनडीए की घटक दल है.
बिहार की प्रमुख पार्टियों में से इन तीनों पार्टियों ने कहा है कि चुनाव प्रचार वर्चुअल रैली के जरिये संभव नहीं है. वहीं महीनों पहले से वर्चुअल रैली कर रही बीजेपी ने चुनाव प्रचार के इस तकनीक के सुरक्षित तरीके पर सहमति जताई है. बीजेपी ने इस नई तकनीक से रैली भी की है जिसमें गृह मंत्री अमित शाह जैसे दिग्गज नेता शामिल हो चुके हैं.
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दूसरी ओर, चुनाव आयोग को भेजे अपने सुझाव में बीजेपी ने कहा है कि उम्मीदवारों की चुनाव खर्च सीमा बढ़ाई जानी चाहिए. इसमें मास्क, साबुन, पीपीई किट और थर्मल स्क्रीनिंग के लिए आने वाले खर्च को भी शामिल किया जाना जरूरी है. बीजेपी ने कहा है कि ये कदम जरूरी है ताकि कोरोना वायरस को देखते हुए चुनाव प्रचार और मतदान के दौरान भी पूरी सावधानी बरती जा सके.
विकल्प के रूप में बीजेपी ने कहा है कि इस तरह के खर्च को पार्टी के खाते में जोड़ा जाना चाहिए न कि उम्मीदवार के खाते में. दअरसल, चुनाव आयोग ने बिहार की सभी राजनीतिक पार्टियों से पूछा था कि कोरोना काल में विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार किस माध्यम से किया जा सकता है. इसके जवाब में बीजेपी जहां पूर्ण समर्थन में उतरी है तो वहीं विपक्षी दलों समेत एनडीए के घटक दल एलजेपी ने विरोध जताया है.