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सृजन घोटाले में धर-पकड़ जारी, अब तक 18 आरोपी सलाखों के पीछे

घोटाले के आरोप में जिला कल्याण विभाग से निलंबित महेश मंडल को 13 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद 15 अगस्त को कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया. मगर उन्होंने तबीयत खराब होने की दलील दी, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया गया.

सृजन घोटाले में नीतीश का पुतला जलाते लोग सृजन घोटाले में नीतीश का पुतला जलाते लोग
नंदलाल शर्मा/सुजीत झा
  • पटना ,
  • 21 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 5:31 PM IST

बिहार में 870 करोड़ के सृजन घोटाले में अब तक 18 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई है. बिहार डीजीपी पीके ठाकुर ने कहा कि अभियुक्त के घर से बरामद 2003 की चिठ्ठी में भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी ने सृजन के खाते में पैसा ट्रांस्फर करने का आदेश दिया था. अभी तक 870.88 करोड़ का घोटाला है.

उन्होंने बताया कि 624.86 करोड़ भागलपुर के विभिन्न सरकारी विभागों के और 162.92 करोड़ रुपये सहरसा के भू अर्जन शाखा और 83.10 करोड़ रुपये बांका के भू अर्जन शाखा से ट्रांसफर हुए हैं. मामले में अब तक कुल 11 एफआईआर दर्ज किए गए हैं, जबकि 18 अभियुक्त गिरफ्तार किए गए हैं.

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उन्होंने कहा कि संलिप्तता में जिला कल्याण पदाधिकारी सहित कुल 5 पदाधिकारियों और कर्मियों को निलंबित किया गया.

हालांकि घोटाले के एक आरोपी की इलाज के दौरान मौत हो गई है. आरोपी की मौत के बाद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. लालू ने दावा किया है कि मरने वाला आरोपी जेडीयू के एक अमीर नेता के पिता थे.

महेश मंडल की मौत

घोटाले के आरोप में जिला कल्याण विभाग से निलंबित महेश मंडल को 13 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद 15 अगस्त को कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया. मगर उन्होंने तबीयत खराब होने की दलील दी, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया गया.

बताया जा रहा है कि महेश ने किडनी खराब होने की शिकायत की थी. साथ ही उन्हें शुगर की भी समस्या थी. कोर्ट से इस संबंध में इलाज की मोहलत मांगी गई, जिसके बाद शुक्रवार और शनिवार को इलाज के लिए महेश को मायागंज अस्पताल भेजा गया.

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दो दिनों तक इलाज के बाद महेश मंडल को वापस जेल भेज दिया गया. रविवार शाम अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान रविवार की रात उनकी मौत हो गई.

बिहार विधानसभा में हंगामा

बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को विपक्ष ने सृजन घोटाले और बिहार में बाढ़ को लेकर जमकर हंगामा किया. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.

मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को बदले राजनीतिक समीकरण के बीच विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने के पूर्व ही विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सदस्यों ने विधानसभा के मुख्यद्वार पर हाथों में तख्तियां और पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया और जमकरी नारेबाजी की. इसके बाद पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही विपक्षी सदस्यों ने सदन के अंदर हंगामा शुरू कर दिया.

नीतीश और सुशील का मांगा इस्तीफा

विपक्षी सदस्य सृजन घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से इस्तीफे की मांग कर रहे थे. वहीं वामपंथी दलों ने बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की.

इन दोनों मुद्दों को लेकर विपक्ष हंगामा करता रहा. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी सदस्यों से सदन में सार्थक बहस की अपील करते रहे, लेकिन उनकी बातों का कोई असर विपक्षी सदस्यों पर नहीं हुआ. इसके बाद हंगामा को देखते हुए सदन की कार्यवाही मंगलवार पूर्वाहन 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इससे पहले वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश किया.

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सृजन घोटाले में लिप्त हैं नीतीश और सुशील मोदीः राबड़ी

इधर, विधानसभा परिसर से बाहर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के इस्तीफे के बिना सृजन घोटोले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती. उन्होंने सृजन घोटाले को देश का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए आरोप लगाया कि नीतीश और सुशील मोदी सृजन घोटले में संलिप्त हैं.

लालू ने नीतीश पर बोला हमला

आरोपी की मौत के बाद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगया है. लालू ने अपने ट्वीट में लिखा है, ''सृजन महाघोटाले में पहली मौत. 13 गिरफ़्तार, उनमें से एक की मौत. मरने वाला भागलपुर में नीतीश की पार्टी के एक बहुत अमीर नेता का पिता था.''

महेश मंडल के परिजनों ने उठाए सवाल

वहीं महेश मंडल के परिजनों ने मौत पर सवाल उठाए हैं. परिजनों का आरोप है कि महेश का इलाज सही ढंग से नहीं किया गया जिसके चलते उनकी मौत हुई. उनका ये भी कहना है कि महेश जिंदा होते को घोटाले से संबंधित कई और राज खोल सकते थे.

बता दें कि ये घोटाला बिहार के भागलपुर में सामने आया है. जहां सृजन महिला आयोग नाम की संस्था ने बैंक और ट्रेजरी अधिकारियों के साथ मिलकर करोड़ों रुपये के गबन को अंजाम दिया. बैंक अधिकारी सरकारी फंड को गुपचुप तरीके से सृजन के खाते में डाल देते थे. संस्था ने पैसे को रियल एस्टेट जैसे धंधों में लगाकर करोड़ों रुपये के वारे-न्यारे किए. बिहार सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है.

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