
बिहार में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच नेतृत्व का मतभेद उभरकर सामने आने लगा है. खासकर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर जेडीयू का विरोध बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को रास नहीं आ रहा है. इसलिए अब बीजेपी की तरफ से नेतृत्व पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और एमएलसी संजय पासवान का कहना है कि अब बिहार में नीतीश मॉडल की जगह मोदी मॉडल की जरूरत है. पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को मौका दिया, अब बीजेपी को भी मौका देना चाहिए. हमेशा बीजेपी डिप्टी ही क्यों रहे. संजय पासवान का यह बयान अपने आप में बहुत कुछ कह रहा है.
एनडीए के कई फैसलों का विरोध
मालूम हो कि जेडीयू ने एनडीए में रहते हुए तीन तलाक का विरोध किया. अनुच्छेद 370 का विरोध किया और अब एनआरसी का विरोध कर रही है. हालांकि, बीजेपी का शुरू से ये भी मानना है कि बिहार के सीमांचल में भी काफी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिये रहते हैं, लेकिन जेडीयू को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पसंद नहीं है.
संजय पासवान ने आगे कहा कि जहां एनआरसी पूरे देश में लागू हो रहा है वहां उसकी सहयोगी पार्टी विरोध में हैं. जैसे जेडीयू को बोलने का अधिकार है वैसे ही हम भी बोल रहे हैं.
गौरतलब है कि राम मंदिर, अनुच्छेद 370, तीन तलाक और वर्तमान में एनआरसी बीजेपी के लिए अहम मुद्दा है और इन सभी मुद्दों पर जेडीयू का विरोध रहा है. हालांकि जेडीयू 1996 से जब इनका गठबंधन था तब से इन सभी मुद्दों का विरोध कर रही है, लेकिन अब ऐसा क्या हुआ कि बीजेपी को इन मुद्दों पर विरोध पसंद नहीं आ रहा.
'बीजेपी नेता को बनाया जाए सीएम'
हालांकि, संजय पासवान का कहना है कि अब जनता हमेशा मुद्दा को स्वीकारने लगी है. जनता ने इन्हीं मुद्दों पर नरेंद्र मोदी को दोबारा मौका दिया है. इन मुद्दों पर हमारे सहयोगी दल में ही मतभेद हो ये शोभा नहीं दे रहा.
संजय पासवान ने नीतीश कुमार पर दबाव बनाते हुए कहा, 'उन्हें अब बीजेपी को मौका देना चाहिए. वैसे भी बीजेपी का एक मुख्यमंत्री हो ऐसा बिहार का हर आम आदमी चाहता है. सुशील मोदी हों या फिर नित्यानंद राय ये ऐसे चेहरे हैं जिन्हें मौका दिया जा सकता है. कब तक ये डिप्टी बन कर रहेंगे.' साथ ही पासवान ने कहा कि इन सबके बावजूद गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है, बीजेपी और जेडीयू एकजुट हैं.