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बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी समीकरण दिलचस्प होते जा रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता जीतन राम मांझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर सबको चौंका दिया है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीबों के विकास की बात करते हैं और मैं भी उनमें से एक हूं. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब जेडीयू की ओर से उन्हें सीएम पद से हटाए जाने की अटकलें हैं और बताया जा रहा है कि आरजेडी इस बारे में नीतीश कुमार पर दबाव बनाए हुए है.
जहानाबाद में जीतनराम मांझी ने कहा, 'मैं मुख्यमंत्री पद पर कब तक रहूंगा यह निश्चित नहीं है. इसलिए मैंने 20–20 क्रिकेट मैच की तरह काम करना शुरू कर दिया है. इसीलिए मैंने नरेंद्र मोदी से दोस्ती का हाथ बढ़ाने का काम किया है. मोदी गरीब-गुरबे के विकास की बात करते हैं और मैं भी गरीबो में एक गरीब हूं.' मांझी ने जिस मंच पर यह बता कही, वहां जेडीयू का कोई बड़ा नेता मौजूद नहीं था.
इसी के साथ, सियासी गलियारों में यह सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है कि मांझी आगामी चुनावों से ठीक पहले पाला बदलकर बीजेपी में न चले जाएं. मांझी बिहार के सबसे बड़े दलित चेहरों में से एक हैं. इस लिहाज से हर पार्टी के लिए वह राजनीतिक रूप से उपयोगी साबित होंगे. याद रहें लोकसभा चुनाव में जेडीयू के खराब प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया था और अपनी जगह जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया था. मांझी नीतीश के वफादारों में माने जाते हैं, लेकिन हाल के उनके कुछ बयानों से पार्टी में उनके प्रति नाराजगी बढ़ी है. हाल ही में एक बयान में मांझी ने नीतीश को बिहार की राजनीति का चाणक्य बताया था. उन्होंने कहा था, 'नीतीश कुमार बहुत चालाक व्यक्ति हैं. हर कोई उनको ठीक से समझ नहीं पा रहा है. मैं सब कुछ समझता हूं.'
इस घटनाक्रम के बाद बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने जनता परिवार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार मंत्री बने बिना नहीं रह सकते और लालू यादव को बिहार खारिज कर चुका है. जहां तक मोदी जी की तारीफ का मामला है, उनकी तारीफ तो पूरा देश और पूरी दुनिया कर रही है. '