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मिड डे मील की वजह से भोजशाला बनकर रह गए हैं स्कूलः नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मिड डे मील की वजह से स्कूलों में प्रमुख काम भोजन बनाना और खिलाना ही रह गया है, जिसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर पड़ रहा है.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
राम कृष्ण/सुजीत झा
  • पटना,
  • 18 जून 2018,
  • अपडेटेड 12:57 PM IST

मिड डे मील की वजह से स्कूल भोजशाला बनकर रह गए हैं. इसके कारण शिक्षकों का ध्यान पठन-पाठन पर नहीं रहता है, जिसका शैक्षणिक गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. रविवार को यह बात बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नीति आयोग की बैठक में कही.

उन्होंने कहा कि मिड डे मील की वजह से स्कूलों में प्रमुख काम भोजन बनाना और खिलाना ही रह गया है, जिसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर पड़ रहा है. मिड डे मील स्कीम की खामियों को गिनाते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि स्कूलों में आधारभूत संरचना का अभाव, अकुशल रसोइये और अस्वच्छ राशन भंडारन व प्रबंधन की वजह से गुणवत्तापूर्ण मिड डे मील उपलब्ध कराने  में दिक्कत हो रही है.

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उन्होंने कहा कि खराब गुणवत्ता का भोजन करने से अक्सर बच्चे अस्वस्थ हो जाते हैं और अभिभावकों के आक्रोश के कारण कानून व्यवस्था बिगड़ने के हालात पैदा हो जाते हैं. यह स्कूलों के शैक्षणिक माहौल के अनूकूल नहीं है. ऐसी योजनाओं के लिए बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी सेविकाओं और रसोइयों की नियुक्ति करनी पड़ती है, जो समय-समय पर अपनी मांगों को लेकर दबाव डालते हैं. साथ ही विरोध प्रदर्शन करते हैं. इसकी वजह से योजनाओं को लागू करने में खासी दिक्कत होती है.

इस दौरान नीतीश कुमार ने सुझाव दिया कि बिहार सरकार पिछले कई वर्षों से लड़कियों के लिए पोशाक योजना और बालिका साइकिल योजना तहत सीधे लाभार्थियों को राशि उपलब्ध करा रही है. ये योजनाएं काफी सफल रही हैं. इसी तरह पोषण के लिए भी सीधे लाभार्थियों को राशि उपलब्ध कराई जा सकती है.

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उन्होंने कहा कि भोजन की निम्न गुणवत्ता, लाभार्थियों के बीच असंतोष और भ्रष्टाचार की नियमित शिकायतों को ध्यान में रखते हुए इन योजनाओं में प्रत्यक्ष लाभ अंतरंग की रणनीति अपनाकर लक्षित समूह को राशि उपलब्ध कराई जानी चाहिए.

बिहार के सीएम ने कहा कि यह विश्वास करना चाहिए कि लाभार्थी पोषाहार के लिए दी गई धनराशि का उपयोग उसी काम के लिए करेंगे, जिसके लिए उपलब्ध कराई गई है. ऐसा करने से आंगनबाड़ी केन्द्र और स्कूलों के कर्मी अपने मूलदायित्वों का निर्वहन कर सकेंगे. साथ ही इन संस्थाओं के कामकाज में बेहतरी आएगी.

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